लखनऊ: राजधानी में शुक्रवार को ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर सरकारी अवकाश था. इसके बाद भी परिषदीय स्कूलों ने ये आदेश नहीं माना. इसे लेकर शिक्षकों में अपने ही विभाग के खिलाफ गुस्सा है. हद तो तब हो गई जब स्थानीय अवकाश के कारण एक शिक्षिका विद्यालय नहीं गई तो उससे स्पष्टीकरण तलब कर लिया गया.
गौरतलब है कि 27 नवंबर को ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर राजधानी के सभी राजकीय इंटर कॉलेज और निजी इंटर कॉलेज अवकाश के कारण बंद थे. लेकिन, शुक्रवार को जिले के लगभग सभी परिषदीय विद्यालयों ने यह आदेश नहीं माना. स्थानीय अवकाश के दिन भी बेसिक शिक्षा विभाग के बुलाने पर टीचर्स को नाराजगी व्यक्त की. हद तो तब हो गई जब शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल न आने वाले अध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब कर लिया. एक खंड शिक्षा अधिकारी ने यहियागंज विद्यालय बंद पाया तो इंचार्ज शिक्षिका को विद्यालय बंद रहने को लेकर तीन कार्य दिवस के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी कर दिया.
शिक्षकों ने जताई नाराजगी
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना था कि 27 नवंबर को ग्यारहवीं शरीफ पर स्थानीय अवकाश रहता है. डीएम के वार्षिक कैलेंडर में भी 27 नवंबर को अवकाश घोषित है. इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को स्कूल खोलने के आदेश दे दिए.
नहीं दिया जा सकता तीसरा स्थानीय अवकाश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में अलग से अवकाश की सूची जारी होती है. स्थानीय स्तर पर 17 मार्च को शीतला अष्टमी और 12 मई को बड़ा मंगल पर परिषदीय विद्यालयों में स्थानीय अवकाश होता रहा है. परिषद के कैलेंडर में 2 ही स्थानीय अवकाश हैं. इसलिए तीसरा स्थानीय अवकाश नहीं दिया जा सकता है.
मेधावी छात्रों और शिक्षकों का सम्मान समारोह टला
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा के मेधावियों को अब अगले साल सम्मानित किया जाएगा. बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को भी 2021 में ही सम्मानित किया जा सकेगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण शासन से सम्मान समारोह के आयोजन की मंजूरी नहीं मिली है. अब अगले साल ही शिक्षकों और मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा.
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