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लखनऊ युवा महोत्सव में आनंद लीजिए सवाई माधोपुर की कढ़ाई वाली चाय का

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Published : Jan 15, 2020, 10:50 PM IST

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के 23वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में सभी राज्यों के खानपान के स्टॉल लगाए गए हैं. इसी स्टॉल में राजस्थान से आए सवाई माधोपुर का एक स्टॉल है, जिसमें कढ़ाई में चाय बनाई जाती है. यह चाय दर्शकों को अपनी ओर खींच रही है.

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कढ़ाई में बनती है सवाई माधोपुर की चाय.

लखनऊ: राजधानी में 23वें राष्ट्रीय युवा उत्सव का जोश सिर चढ़कर बोल रहा है. सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 7000 प्रतिभागी यहां शिरकत कर रहे हैं. सभी अपनी संस्कृति का आयोजन कर रहे हैं. इससे इतर सभी राज्यों के खानपान के स्टॉल भी लगाए गए हैं. जहां उनके लजीज व्यंजन को भी आप चख सकते हैं. इसी स्टॉल पर राजस्थान की सवाई माधोपुर की चाय है जो अपने आप में अनूठी है.

कढ़ाई में बनती है सवाई माधोपुर की चाय.

कढ़ाई में बनती है सवाई माधोपुर की चाय
23वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में सभी राज्यों के खानपान के स्टॉल लगे हैं. इसी स्टॉल में राजस्थान से आए सवाई माधोपुर का एक स्टॉल है, जो अपने आप में अनूठा है. इस स्टाल में कढ़ाई में चाय बनाई जाती है. जो दर्शकों को अपनी ओर खींच रही है.

शरीर को डायरेक्ट मिलता है आयरन
ईटीवी भारत से बात करते हुए स्टॉल के संचालक ने बताया कि पहले तांबे और पीतल के बर्तनों में खाना बनाया जाता था, जिससे बीमारी नहीं फैलती थी. इस वजह से कढ़ाई में चाय बनाने का विचार आया और लोगों को कढ़ाई की बनी चाय दी जा रही है. इससे फायदा यह होता है कि शरीर में आयरन की कमी हो तो उससे उसकी भरपाई हो जाएगी.

खास होती है चाय
माधोपुर की चाय बहुत खास होती है, क्योंकि इसमें एक मसाला डाला जाता है. उस मसाले का स्वाद इसको अनूठा बनाता है और कढ़ाई में बनने के साथ-साथ इसमें उसका भी स्वाद आ जाता है.

साधु संत बनाते हैं मसाला
ईटीवी भारत से बात करते हुए संचालक ने बताया कि यह मसाला बहुत खास होता है, क्योंकि यह मसाला एक साधारण इंसान नहीं बल्कि साधु संतों द्वारा बनाया जाता है. जड़ी बूटी डाल कर इसको इस लायक बनाते हैं कि वह चाय में प्रयोग हो सके.

लखनऊ: राजधानी में 23वें राष्ट्रीय युवा उत्सव का जोश सिर चढ़कर बोल रहा है. सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 7000 प्रतिभागी यहां शिरकत कर रहे हैं. सभी अपनी संस्कृति का आयोजन कर रहे हैं. इससे इतर सभी राज्यों के खानपान के स्टॉल भी लगाए गए हैं. जहां उनके लजीज व्यंजन को भी आप चख सकते हैं. इसी स्टॉल पर राजस्थान की सवाई माधोपुर की चाय है जो अपने आप में अनूठी है.

कढ़ाई में बनती है सवाई माधोपुर की चाय.

कढ़ाई में बनती है सवाई माधोपुर की चाय
23वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में सभी राज्यों के खानपान के स्टॉल लगे हैं. इसी स्टॉल में राजस्थान से आए सवाई माधोपुर का एक स्टॉल है, जो अपने आप में अनूठा है. इस स्टाल में कढ़ाई में चाय बनाई जाती है. जो दर्शकों को अपनी ओर खींच रही है.

शरीर को डायरेक्ट मिलता है आयरन
ईटीवी भारत से बात करते हुए स्टॉल के संचालक ने बताया कि पहले तांबे और पीतल के बर्तनों में खाना बनाया जाता था, जिससे बीमारी नहीं फैलती थी. इस वजह से कढ़ाई में चाय बनाने का विचार आया और लोगों को कढ़ाई की बनी चाय दी जा रही है. इससे फायदा यह होता है कि शरीर में आयरन की कमी हो तो उससे उसकी भरपाई हो जाएगी.

खास होती है चाय
माधोपुर की चाय बहुत खास होती है, क्योंकि इसमें एक मसाला डाला जाता है. उस मसाले का स्वाद इसको अनूठा बनाता है और कढ़ाई में बनने के साथ-साथ इसमें उसका भी स्वाद आ जाता है.

साधु संत बनाते हैं मसाला
ईटीवी भारत से बात करते हुए संचालक ने बताया कि यह मसाला बहुत खास होता है, क्योंकि यह मसाला एक साधारण इंसान नहीं बल्कि साधु संतों द्वारा बनाया जाता है. जड़ी बूटी डाल कर इसको इस लायक बनाते हैं कि वह चाय में प्रयोग हो सके.

Intro:स्पेशल स्टोरी।

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name: tea stall youth festival

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 23वें राष्ट्रीय युवा उत्सव का जोश सिर चढ़कर बोल रहा है। सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 7000 प्रतिभागी यहां शिरकत कर रहे हैं। सभी अपनी संस्कृति का आयोजन कर रहे हैं।

इससे इतर सभी राज्यों के खानपान के स्टाल भी लगाए गए हैं। जहां उनके लजीज व्यंजन को आप चख सकते हैं। इसी स्टॉल पर राजस्थान की सवाई माधोपुर की चाय है जो अपने आप में अनूठी है।


Body:कढ़ाई में बनती है सवाई माधोपुर की चाय

23वें राष्ट्रीय उत्सव में सभी राज्यों के खानपान के स्टॉल लगे हैं। इसी स्टॉल में राजस्थान से आए सवाई माधोपुर का एक स्टाल है। जो अपने आप में अनूठा है इस स्टाल में कढ़ाई में चाय बनाई जाती है। जो दर्शकों को अपनी ओर खींच रही है।

शरीर को डायरेक्ट मिलता है आयरन

ईटीवी भारत से बात करते हुए स्टॉल के संचालक ने बताया कि पहले तांबे और पीतल के बर्तनों में खाना बनाया जाता था। जिससे बीमारी फैलती थी। इस वजह से कढ़ाई में चाय बनाने का विचार आया और लोगों को कढ़ाई की बनी चाय दी जा रही है। इससे फायदा यह होता है कि शरीर में आयरन की कमी हो तो उससे उसकी भरपाई हो जाएगी।

खास होती है चाय

माधोपुर की चाय बहुत खास होती है क्योंकि इसमें एक मसाला डाला जाता है। उस मसाले का स्वाद इसको अनुठा बनाता है और कढ़ाई में बनने के साथ-साथ इसमें उसका भी स्वाद आ जाता है। दूध और चाय पत्ती डाली जाती है।

साधु संत बनाते हैं मसाला

ईटीवी भारत से बात करते हुए संचालक ने बताया यह मसाला बहुत खास होता है क्योंकि यह मसाला एक साधारण इंसान नहीं बल्कि साधु संतों द्वारा बनाया जाता है। जड़ी बूटी डाल कर इसको इस लाइक बनाते हैं कि वह चाय में प्रयोग हो सके।



Conclusion:भारत अनेकता में एकता को प्रदर्शित करता है। इसका ताजा उदाहरण लखनऊ में आयोजित हो रहे थे 23वें राष्ट्रीय युवा में देखा जा सकता है। एक छत के नीचे पूरा भारत देश समाया हुआ है जो अपने आप में काबिले तारीफ है।

अनुराग मिश्र

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