लखनऊ: गंगा का पानी प्रदूषित करना एक टेनरी व इसके मालिक को भारी पड़ गया है. सीबीआई/प्रदूषण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गंगा नदी में टेनरी का गंदा पानी प्रवाहित करने के मामले में कानपुर की मेसर्स पाशा टेनर्स व इसके मालिक व प्रोपराइटर को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने टेनरी के प्रोपराइटर को दो साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. वहीं, टेनरी पर तीन लाख रुपये जुर्माना लगाया है.
विशेष अधिवक्ता एके चौबे के मुताबिक अभियुक्त शारिक जमाल कानपुर के जार्जमऊ में पाशा टेनर्स नाम से अपनी टेनरी संचालित कर रहा था. इस दौरान टेनरी का गंदा पानी धड़ल्ले से गंगा नदी में प्रवाहित किया जा रहा था, जिससे गंगा नदी का जल प्रदूषित हो रहा था. इसके पूर्व 29 मई 2012 को ही भारी मात्रा में प्रदूषण फैलाया जाना पाते हुए टेनरी बंद करने का आदेश जारी दिया गया था.
18 दिसंबर 2012 को उत्तर प्रदेश जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डॉ. टीएन सिंह ने टेनरी का निरीक्षण किया. उन्होंने जांच में पाया कि गंगा प्रदूषण से संबधित आदेश का उल्लघंन करते हुए अभियुक्त अपनी टेनरी संचालित कर रहा है. तब जनवरी, 2013 में उत्तर प्रदेश जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में टेनरी व इसके प्रोपराइटर शारिक जमाल के खिलाफ अदालत में परिवाद दर्ज कराया था.
मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई/प्रदूषण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने जल प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 व 41 के तहत प्रोपराइटर शारिक जमाल को दो साल कारावास की सजा सुनाई है व 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जबकि कोर्ट ने टेनरी पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
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