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तबलीगी जमात केस: कोर्ट ने 9 विदेशी नागरिकों को किया बरी

राजधानी लखनऊ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने तबलीगी जमात के नौ विदेशी नागरिकों को महामारी व अन्य अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों से आरोप मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने यह आदेश अभियुक्तों की आरोप मुक्त करने की मांग वाली अर्जी पर पारित किया है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Mar 23, 2021, 9:49 PM IST

लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने तबलीगी जमात के नौ विदेशी नागरिकों को महामारी व अन्य अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों से आरोप मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त मुहम्मद मदाली, हसन पाचो, सिथीपांगलिमसिरीपट, सुरासकलामूलशक, अरसेन थोम्या, रोमलीकोले, अब्दुनलाह मामिंग, अब्दुल बाशिर इदोरोथाई व अपदुनबहाव विमुटीकान के खिलाफ पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य आरोप विरचित करने के लिए प्रर्याप्त नहीं हैं.

कोर्ट ने यह आदेश अभियुक्तों की आरोप मुक्त करने की मांग वाली अर्जी पर पारित किया है. अभियुक्तों की अर्जी पर वकील काजी सबीहउर्ररहमान ने बहस की. दलील दी गई कि अभियोजन द्वारा आरोप पत्र के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अभियुक्तों का व्यक्तिगत बंधपत्र व निजी हलफनामा केंद्र सरकार द्वारा कृत किसी भी कार्यवाही के पश्चात ही निरस्त किये जाएंगे. साथ ही वे अपना पासपोर्ट व मोबाइल भी केंद्र सरकार द्वारा लम्बित किसी भी कार्यवाही के पश्चात ही नियमतः प्राप्त करने के हकदार होंगे.

उल्लेखनीय है कि इन अभियुक्तों के खिलाफ प्रयागराज के थाना करेली में मुकदमा दर्ज हुआ था. विवेचना के बाद इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 269 व 270 और विदेशी विषयक अधिनियम की धारा 14 बी के साथ ही महामारी अधिनियम की धारा-3 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था. यह सभी अभियुक्त जमानत पर बाहर थे.

लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने तबलीगी जमात के नौ विदेशी नागरिकों को महामारी व अन्य अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों से आरोप मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त मुहम्मद मदाली, हसन पाचो, सिथीपांगलिमसिरीपट, सुरासकलामूलशक, अरसेन थोम्या, रोमलीकोले, अब्दुनलाह मामिंग, अब्दुल बाशिर इदोरोथाई व अपदुनबहाव विमुटीकान के खिलाफ पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य आरोप विरचित करने के लिए प्रर्याप्त नहीं हैं.

कोर्ट ने यह आदेश अभियुक्तों की आरोप मुक्त करने की मांग वाली अर्जी पर पारित किया है. अभियुक्तों की अर्जी पर वकील काजी सबीहउर्ररहमान ने बहस की. दलील दी गई कि अभियोजन द्वारा आरोप पत्र के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अभियुक्तों का व्यक्तिगत बंधपत्र व निजी हलफनामा केंद्र सरकार द्वारा कृत किसी भी कार्यवाही के पश्चात ही निरस्त किये जाएंगे. साथ ही वे अपना पासपोर्ट व मोबाइल भी केंद्र सरकार द्वारा लम्बित किसी भी कार्यवाही के पश्चात ही नियमतः प्राप्त करने के हकदार होंगे.

उल्लेखनीय है कि इन अभियुक्तों के खिलाफ प्रयागराज के थाना करेली में मुकदमा दर्ज हुआ था. विवेचना के बाद इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 269 व 270 और विदेशी विषयक अधिनियम की धारा 14 बी के साथ ही महामारी अधिनियम की धारा-3 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था. यह सभी अभियुक्त जमानत पर बाहर थे.

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