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UP में अब यूजी के छात्रों को अंक देने की व्यवस्था समाप्त, ग्रेडिंग सिस्टम किया लागू

उत्तर प्रदेश के स्नातक (बीए, बीएससी, बी.कॉम) के छात्रों को अब अंक नहीं दिए जाएंगे. प्रदेश में अब ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है. उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.

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Published : Apr 21, 2022, 2:02 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के स्नातक (बीए, बीएससी, बी.कॉम) के छात्रों को अब अंक नहीं दिए जाएंगे. प्रदेश में अब ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है. उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. नई व्यवस्था के तहत अब किसी भी तरह के ग्रेस अंक भी नहीं दिए जाएंगे.

अब सभी विषयों में बाह्य परीक्षा के साथ आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था लागू कर दी गई है. 100 में से 75 अंक बाह्य परीक्षा और 25 अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बांटे जाएंगे. पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे. किसी भी कोर्स के आतंरिक मूल्यांकन में कोई भी न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं है. यदि किसी विद्यार्थी को आतंरिक मूल्यांकन में शून्य अंक व बाह्य परीक्षा में न्यूनतम 33 या 40 फीसदी (सह पाठ्यक्रमों-लघु शोध विषयों) अंक मिलेंगे तो वह पास माना जाएगा. प्रैक्टिकल व थ्योरी का अलग-अलग न्यूनतम उत्तीर्णांक नहीं होगा.

पहले तीन वर्षों के लिए लागू
असल में यह सभी बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिशों के हिसाब से किए गए हैं. ये ग्रेडिंग प्रणाली पहले 3 वर्षों के लिए लागू होंगी. मुख्य व माइनर विषयों में उत्तीर्ण प्रतिशत 33 ही होगा. 6 सह पाठ्यक्रम कोर्सों व तीसरे वर्ष में लघु शोध केवल आर्हता के लिए है और इसका न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 फीसदी होगा. इसके साथ ही, 4 कौशल विकास कोर्सों में भी उत्तीर्णांक 40 फीसदी होगा. कौशल विकास में 60 अंकों का प्रैक्टिकल व 40 अंकों का थ्योरी आधारित मूल्यांकन होगा.

इसे भी पढ़ें- कर्मयोगी और कर्मोदय योजना से पढ़ाई के साथ मिलेगा सीखने का मौका: पूनम टंडन

लखनऊः उत्तर प्रदेश के स्नातक (बीए, बीएससी, बी.कॉम) के छात्रों को अब अंक नहीं दिए जाएंगे. प्रदेश में अब ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है. उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. नई व्यवस्था के तहत अब किसी भी तरह के ग्रेस अंक भी नहीं दिए जाएंगे.

अब सभी विषयों में बाह्य परीक्षा के साथ आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था लागू कर दी गई है. 100 में से 75 अंक बाह्य परीक्षा और 25 अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बांटे जाएंगे. पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे. किसी भी कोर्स के आतंरिक मूल्यांकन में कोई भी न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं है. यदि किसी विद्यार्थी को आतंरिक मूल्यांकन में शून्य अंक व बाह्य परीक्षा में न्यूनतम 33 या 40 फीसदी (सह पाठ्यक्रमों-लघु शोध विषयों) अंक मिलेंगे तो वह पास माना जाएगा. प्रैक्टिकल व थ्योरी का अलग-अलग न्यूनतम उत्तीर्णांक नहीं होगा.

पहले तीन वर्षों के लिए लागू
असल में यह सभी बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिशों के हिसाब से किए गए हैं. ये ग्रेडिंग प्रणाली पहले 3 वर्षों के लिए लागू होंगी. मुख्य व माइनर विषयों में उत्तीर्ण प्रतिशत 33 ही होगा. 6 सह पाठ्यक्रम कोर्सों व तीसरे वर्ष में लघु शोध केवल आर्हता के लिए है और इसका न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 फीसदी होगा. इसके साथ ही, 4 कौशल विकास कोर्सों में भी उत्तीर्णांक 40 फीसदी होगा. कौशल विकास में 60 अंकों का प्रैक्टिकल व 40 अंकों का थ्योरी आधारित मूल्यांकन होगा.

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