ETV Bharat / state

राजधानी में दम तोड़ रहा 'स्वच्छ भारत अभियान', आज भी इस मिशन से कोसों दूर हैं कई गांव - लखनऊ लेटेस्ट न्यूज

केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार 'स्वच्छ भारत अभियान' को एक मिशन की तरह चला रही है, लेकिन आज भी राजधानी के कई ऐसे गांव हैं, जहां 25 सालों से विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है और वह स्वच्छ भारत मिशन की सच्चाई से आज भी कोसों दूर हैं.

swachh bharat mission
author img

By

Published : Oct 6, 2019, 10:34 PM IST

लखनऊ: एक तरफ पूरे देश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई थी. वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा 'स्वच्छ भारत मिशन' गांवों तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रहा है. इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 से शुरु किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वच्छता से जुड़ने का संदेश दिया था.

जानकारी देते ग्रामीण.
दम तोड़ रहा स्वच्छता मिशनराजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं, जहां अब तक 'स्वच्छ भारत अभियान' सिर्फ कागजों पर ही पहुंच पाया है. ईटीवी भारत यह पता लगाने निकला कि गांवो में कितना बदलाव आया है. राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के मरूई गांव के लोगों ने कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. यहां पर सारे विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: बारिश ने किसानों पर ढाया कहर, अधिकारियों ने नहीं ली कोई खबर

लोगों का कहना है कि गांव में सड़क तक नहीं है. बारिश के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार लोग इस टूटी सड़क पर गिर भी जाते हैं. लोगों का कहना है कि गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी नहीं आता है. कई बार तहसील दिवस पर गांव की समस्याओं की शिकायत भी की गई, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया. लोगों ने ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम प्रधान भी समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं.

स्वच्छता मिशन पर उठ रहा सवाल
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान को एक मिशन की तरह चला रही है और लोगों तक स्वच्छता का संदेश पहुंचा रही है. वहीं उसके जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं. सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले राजधानी लखनऊ के गांव का जब ऐसा हाल है तो बाकी प्रदेश का हाल क्या होगा.

लखनऊ: एक तरफ पूरे देश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई थी. वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा 'स्वच्छ भारत मिशन' गांवों तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रहा है. इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 से शुरु किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वच्छता से जुड़ने का संदेश दिया था.

जानकारी देते ग्रामीण.
दम तोड़ रहा स्वच्छता मिशनराजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं, जहां अब तक 'स्वच्छ भारत अभियान' सिर्फ कागजों पर ही पहुंच पाया है. ईटीवी भारत यह पता लगाने निकला कि गांवो में कितना बदलाव आया है. राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के मरूई गांव के लोगों ने कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. यहां पर सारे विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: बारिश ने किसानों पर ढाया कहर, अधिकारियों ने नहीं ली कोई खबर

लोगों का कहना है कि गांव में सड़क तक नहीं है. बारिश के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार लोग इस टूटी सड़क पर गिर भी जाते हैं. लोगों का कहना है कि गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी नहीं आता है. कई बार तहसील दिवस पर गांव की समस्याओं की शिकायत भी की गई, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया. लोगों ने ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम प्रधान भी समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं.

स्वच्छता मिशन पर उठ रहा सवाल
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान को एक मिशन की तरह चला रही है और लोगों तक स्वच्छता का संदेश पहुंचा रही है. वहीं उसके जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं. सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले राजधानी लखनऊ के गांव का जब ऐसा हाल है तो बाकी प्रदेश का हाल क्या होगा.

Intro:जहां एक तरफ पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती मना रहा है वही केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन गांव तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 2 अक्टूबर 2014 को मिशन की शुरुआत हुई जिसमें देश को स्वच्छता से जुड़ने का प्रधानमंत्री ने संदेश दिया।


Body:राजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं जहां तक स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ कागजों में ही पहुंच पाया है। ईटीवी भारत यह जानने निकला कि कितना बदलाव गांव में आया है कितनी बदली है गांव की सूरत जब हमने राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मरूई गांव के लोगों से सूरते हाल जानना चाहा उनका कहना था कि पिछले बीस पच्चीस सालों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।

लोगों का कहना है कि गांव में सड़क तक नहीं है बारिश के मौसम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई लोग टूटी सड़क पर गिर भी जाते हैं वही राहगीरों से पूछने पर पता चला कि जब वह अपने ऑफिस निकलते हैं तो कई बार गिर जाते हैं और वापस उनको फिर से घर जाना पड़ता है।

लोगों का कहना है कि गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी नहीं आता है कई बार तहसील दिवस पर भी शिकायत की गई गांव की समस्याओं को लेकर लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है वही ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए लोगों ने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा भी समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।

वॉक थ्रू- योगेश मिश्रा ( ग्रामीणों के साथ)


Conclusion:ऐसे में देखने वाली बात होगी जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान को एक मिशन की तरह चला रही है लोगों तक स्वच्छता का संदेश पहुंचा रही है वहीं उसके जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं। सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले राजधानी लखनऊ के गांव का सूरते हाल जब ऐसा है तो बाकी प्रदेश का हाल क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
7054179998
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.