लखनऊः बुद्ध पूर्णिमा को कई शुभ संयोग बन रहा है. इसके साथ ही कई खगोलीय घटनाएं एक साथ होंगी. उन्हीं में से एक है सुपरमून (super moon) की घटना. खगोल वैज्ञानिकों ने दावा किया कि यह एक संयोग ही है कि 26 मई को पूर्णिमा, चंद्रग्रहण और सुपरमून तीनों एक साथ दिखाई देंगे. ऐसे में सुपरमून जिसका आकार सामान्य से बड़ा होगा और अधिक चमकीला होगा. सुपरमून में इस वर्ष चंद्रमा सबसे आकर्षक, अधिक चमकीला दिखाई देगा. सुपरमून के बारे में ईटीवी भारत से मंगलवार को इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के साइंटिस्ट ऑफिसर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने खास बातचीत की.
5.35 बजे दिखेगा सुपरमून या ब्लड मून
साइंटिस्ट ऑफिसर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सुपरमून (super moon) देखने के लिए हमें सूर्यास्त का इंतजार करना होगा. चंद्रमा के उगने का समय लगभग शाम 5 बजकर 35 मिनट पर है. सूर्यास्त के साथ ही सभी लोग सुपरमून या ब्लड मून (blood moon) के अद्भुत नजारे को देख सकेंगे. उन्होंने बताया कि बुधवार 26 मई को पूर्ण चंद्रग्रहण होने जा रहा है. इसी वजह इसे ब्लड मून भी कहा जाएगा.
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बिना चश्मे के देख सकते हैं चांद को
उन्होंने बताया कि सुपरमून को व्यक्ति बिना किसी खास चश्मे को पहने ही देख सकते हैं. इसके किरणों का व्यक्ति के आंखों पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा. अगर किसी के पास दूरदर्शी या दूरबीन है तो वे उससे भी देख सकते हैं.
इस बार सबसे आकर्षक दिखेगा सूपर मून
सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 26 मई को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा. पूरे वर्ष में यह चंद्रमा की पृथ्वी से निकटतम दूरी होगी. उन्होंने बताया कि चंद्रमा इस साल का अंतिम सबसे चमकदार और सबसे बड़ा, आकर्षक सुपरमून होगा. उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से पूर्णिमा को दूधिया चंद्रमा या मिल्क मून या फ्लावर मून भी कहा जाता है. इसी कारण से इस पूर्णिमा को सुपर फ्लावर मून या सुपर मिल्क मून कहा जाएगा. क्योंकि यह मई महीने में पूर्णिमा के दिन दिखाई देने वाला सुपरमून होगा.