लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गन्ना मूल्य भुगतान, खांडसारी इकाइयों के संचालन में आगामी पेराई सत्र सहित कई अन्य विभागीय कामकाज को लेकर अधिकारियों से इसकी समीक्षा की. गन्ना मंत्री ने अधिकारियों व चीनी मिल मालिकों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में देरी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. गन्ना किसानों को समय से उनके बकाए का भुगतान किया जाता रहे. बैठक में अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी एवं गन्ना विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
पिछले 3 वर्षों में 1,05, 399 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड किया गया गन्ना भुगतान
समीक्षा बैठक के दौरान गन्ना मंत्री ने बताया कि पेराई सत्र 2019-20 में प्रदेश की 119 चीनी मिलों द्वारा 11180 लाख क्विंटल गन्ने की रिकॉर्ड पराई की गई. इसके अलावा खास बात यह रही कि लॉकडाउन के दौरान चीनी की बिक्री कम होने के बावजूद भी वर्तमान समय में प्रदेश सरकार द्वारा 45 दिनों की बंदी के दौरान लगभग 6000 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को कराया गया. प्रदेश सरकार द्वारा पिछले करीब 3 वर्षो में गन्ना किसानों को अब तक 1,05, 399 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना भुगतान किया गया है.
इसके अतिरिक्त 205 खांडसारी इकाइयां तथा 5627 कोल्हू संचालित होते रहे, जिनके द्वारा लगभग 801 क्विंटल गन्ने की पेराई की गई. प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई ऑनलाइन खांडसारी लाइसेंसिंग नीति के अंतर्गत अब तक करीब 165 लाइसेंस निर्गत किए गए हैं. जिनमें से 56 इकाइयों का संचालन अब तक पूरा हो चुका है.
चीनी मिलों को शत-प्रतिशत भुगतान शीघ्र सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा करते हुए सभी चीनी मिलों को यह निर्देश दिए कि आगामी पेराई सत्र का प्रारंभ नजदीक होने के दृष्टिगत बकाया गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान शीघ्र सुनिश्चित किया जाए. सर्वाधिक बकाया वाले चीनी मिल समूहों विशेषकर बजाज, मोदी, सिंभावली एवं यदु समूह की चीनी मिलों को सख्त निर्देश दिए गए कि वह गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान जल्दी करने की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें. यदि गन्ना किसानों को समय से भुगतान नहीं हुआ तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
समीक्षा बैठक के दौरान गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने रिपेयर मेंटेनेंस के काम को समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिए. जिससे कि आगामी पेराई सत्र में चीनी मिलों के समय से संचालन में किसी प्रकार की कोई समस्या न उत्पन्न हो.