लखनऊ: प्रदेश भर के गन्ना किसान चीनी मिलों से बकाया गन्ना मूल्य के बदले चीनी ले सकेंगे. गन्ना किसानों ने शासन के समक्ष मांग रखी थी कि उनको बकाए भुगतान के एवज में चीनी उपलब्ध कराई जाए. शासन ने किसानों की मांग पर यह निर्णय लिया है कि उन्हें प्रतिमाह 1 क्विंटल चीनी उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रदेश के आयुक्त गन्ना एंव चीनी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि पेराई सत्र 2019-20 के अन्तर्गत चीनी मिलों से इच्छुक आपूर्तिकर्ता गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य के बदले में चीनी उपलब्ध कराए जाने का शासन ने फैसला लिया है.
प्रतिमाह मिलेगी 1 क्विंटल चीनी
प्रत्येक गन्ना किसान को 1 क्विंटल चीनी उस दिन के न्यूनतम बिक्री मूल्य और जीएसटी के आधार पर जून 2020 तक उपलब्ध करायी जायेगी. यदि चीनी मिल से उस दिन कोई चीनी बिक्री नहीं की गई है तो उसके पहले दिन चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य और जीएसटी के आधार पर किसानों को चीनी उपलब्ध करायी जायेगी. इच्छुक गन्ना किसान अपने साधनों के जरिए मिल गोदाम से चीनी ले सकेंगे. इसके लिए उन्हें यातायात के खर्च की कोई प्रतिपूर्ति नहीं की जायेगी.
चीनी मिल के आधिकारियों को किया निर्देशित
गन्ना आयुक्त ने चीनी मिलों के आधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि गन्ना किसानों को उपलब्ध करायी जाने वाली चीनी की मात्रा भारत सरकार से सम्बन्धित चीनी मिल के निर्धारित मासिक कोटे के अन्तर्गत ही होगी और जीएसटी को नियमानुसार राजकोष में जमा करने का उत्तरदायित्व सम्बन्धित चीनी मिल का होगा.
किसानों को निश्चित मूल्य पर ही दी जाए चीनी
गन्ना आयुक्त ने कहा कि यदि जीएसटी जमा करने या न्यूनतम मूल्य से अधिक मूल्य पर गन्ना किसानों को चीनी दिए जाने का प्रकरण संज्ञान में आता है तो सम्बन्धित मिल इसके लिए जिम्मेदार होगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.