लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय ने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (भा.कृ.अनु.प.)-राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के साथ दोनों संस्थाओं के मध्य शोधार्थियों को शैक्षणिक लाभ पहुंचाने के लिए गुरूवार को एमओयू हुआ. इस पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और राष्ट्रीय मत्स्य अनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजेआर) के निदेशक डा. उत्तम कुमार सरकार के मध्य हस्ताक्षरित हुआ. जिससे विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के परास्नातक व शोध छात्र-छात्रायें लाभान्वित होंगे.
जन्तु विज्ञान विभाग के परास्नातक छात्र वहां पर इंटर्नशिप व शोध निबंध कार्य कर पायेंगे, जिससे उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता में लाभ पहुंचेगा. शोध छात्र राष्ट्रीय मत्स्य अनुवंशिक संसांधन ब्यूरो (एनबीएफजेआर) के वैज्ञानिकों को अपना सह-पर्यवेक्षक बना सकते हैं तथा अपने शोध ग्रंथ का कार्य करने में वहां पर उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. यह दोनों संस्थानों के मध्य किया गया. ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण कदम है. जिसका लाभ हमारे छात्र-छात्राओं को बिना किसी गतिरोध के सीधे प्राप्त होगा. इस अवसर पर जंतु विज्ञान विभाग की प्रो. गीतांजली मिश्रा, डा. कल्पना सिंह, डा. अमित त्रिपाठी तथा डा. मनोज कुमार भी उपस्थित रहे.
लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर को तंबाकू मुक्त परिसर बनाने के लिए यलो लाइन कैंपेन की शुरूआत की गई. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय और उत्तर प्रदेश स्वैच्छिक स्वास्थ्य संस्थान से आये विवेक अवस्थी एवं तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अफसर ने संयुक्त रूप से पीले रंग के गुब्बारे उड़ाकर परिसर को तम्बाकू मुक्त बनाने का प्रतीकात्मक संदेश दिया. कार्यक्रम की अगली कड़ी में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने तंबाकू का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभावों एवं तंबाकू सेवन छोड़ने के लिए दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित पोस्टर का भी उद्घाटन किया और कुलपति ने परिसर में तंबाकू मुक्त अभियान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए उपस्थित समस्त विद्यार्थियों के साथ तंबाकू मुक्त परिसर पदयात्रा के द्वारा सभी से तंबाकू का सेवन न करने की अपील की. स्वयं सेवकों ने परिसर को तम्बाकू मुक्त परिसर बनाने के लिए पदयात्रा के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर लोगों को गुलाब की कली देकर उन्हें तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर उनसे तम्बाकू छोड़ने की अपील की.