लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर दिनेश कुमार ने गुरुवार को एक फरमान जारी किया. नए आदेश के तहत अब संस्थान परिसर में बाहरी लोगों के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही छात्रों को चेतावनी दी गई है कि यदि वह अनाधिकृत रूप से वाहन लेकर घूमते नजर आएंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय में ऑफलाइन क्लास शुरु हो गई है. कई कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया भी अभी चल रही है. ऐसे में पठन-पाठन की स्थिति को बेहतर बनाए रखने और शांति व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए 25 अक्टूबर से व्यवस्था में परिवर्तन किया जा रहा है.
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का फरमान जारी किया गया हो. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बार-बार जारी हो रहे इस तरह के फरमान को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. छात्रों का कहना है कि उनके लिए पहले से ही परिसर में गाड़ियों के साथ प्रवेश करने पर रोक लगी है.
उनका आरोप है कि परिसर में गाड़ी से घूमने वालों में सबसे ज्यादा शिक्षक, कर्मचारी और नाते-रिश्तेदार होते हैं. उन पर कार्रवाई करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन आम छात्रों पर डंडा चला रहा है. बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में हर रोज औसतन 15 हजार से 20 हजार लोगों का आना-जाना रहता है.
ये निर्देश भी दिए गए
- लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, अधिकारी , कर्मचारी एवं शारीरिक रूप से अक्षम छात्र - छात्राएं, जिनको पास जारी किए गए हैं वह गेट नंबर दो से आ-जा सकेंगे.
- बिना वाहन पास धारकों, शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभाग के समीप स्थित वाहन स्टैण्ड पर वाहन रखने के बाद परिसर में प्रवेश करें.
- शैक्षणिक परिसर में बाहरी विद्यार्थियों / व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा. बिना किसी उपयुक्त कारण के परिसर में घूमने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समुचित कार्यवाही की जाएगी.
- छात्र - छात्राएं अपने वाहन मुख्य परिसर स्थित वाहन स्टैण्डों पर वाहन रखने के उपरान्त शैक्षणिक परिसर में पैदल प्रवेश करेंगे.
- सभी छात्र-छात्राएं से कोविड -19 के नियमों के पालन के लिए कहा गया है.
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