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रैगिंग के चार महीने बाद लोहिया विधि विवि के छात्रों का निलंबन, आदेश के विरोध में उतरे छात्र

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में चार महीने पहले हुई रैगिंग (ragging) की घटना पर अब हुई कार्रवाई पर छात्रों ने नाराजगी जताई है. इसको लेकर गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. इसके बाद निलंबित समेत अन्य छात्रों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप था कि जांच कमेटी ने निष्पक्षता से सुनवाई नहीं की.

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Published : Nov 11, 2022, 7:30 AM IST

Updated : Nov 11, 2022, 8:50 AM IST

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में चार महीने पहले हुई रैगिंग (ragging) की घटना पर अब हुई कार्रवाई पर छात्रों ने नाराजगी जताई है. इसको लेकर गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. इसके बाद निलंबित समेत अन्य छात्रों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर प्रदर्शन (siege demonstration) किया. छात्रों का आरोप था कि जांच कमेटी ने निष्पक्षता से सुनवाई नहीं की. छात्रों ने नए प्रॉक्टोरियल बोर्ड से इसकी निष्पक्षता से जांच कराने की मांग करते हुए वीसी को ज्ञापन भी भेजा.

मामला जुलाई का है, कुछ छात्रों पर विश्वविद्यालय में रैगिंग (ragging) का आरोप लगा था, जिस पर गुरुवार को बीए एलएलबी के तीसरे वर्ष छह छात्रों को छह महीने के लिए हॉस्टल से निलंबित किया गया और प्रत्येक छात्र पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. एंटी रैगिंग कमेटी ने पांच आरोपी सीनियर छात्रों को हॉस्टल से निलंबित करते हुए गुरुवार को उन्हें हॉस्टल खाली करने का नोटिस दे दिया. इसके बाद निलंबित समेत अन्य कई छात्रों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप था कि जांच कमेटी ने निष्पक्षता से सुनवाई नहीं की.

छात्रों का आरोप (students allegation) है कि चीफ प्रॉक्टर डॉ. केए पांडेय (Chief Proctor Dr KA Pandey) ने छात्रों को बिना सुने और बिना किसी सबूत के गलत तरीके से निलंबित किया है. वहीं छात्रों का कहना है कि तीसरे वर्ष के छात्र यषार्थ टंडन उस दिन विश्वविद्यालय में था भी नहीं तब भी उसके बावजूद उसको हॉस्टल से निलंबित कर दिया गया हैं। इस फैसले के विरोध में बीए एलएलबी के छात्र शाम को चार बजे प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए. कुलपति से मुलाकात न होने के कारण सात बजे कुलपति को ज्ञापन मेल करके धरना समाप्त कर दिया. शुक्रवार को छात्र निलंबन के विरोध में कुलपति से मिलने जाएंगे.

चीफ प्राक्टर प्रो. केए पांडेय (Chief Proctor Dr KA Pandey) ने बताया कि कुलपति से 9 नवंबर को आदेश लेने के बाद यह कार्रवाई की गई है. इसमें बीए एलएलबी तृतीय वर्ष के छह छात्रों पर कार्रवाई की गई है. उन्हें क्लास करने, परीक्षा देने और 10 से 5 बजे तक लाइब्रेरी में जाने की अनुमति होगी. इसके अलावा वह परिसर में कहीं नहीं जा सकते. वहीं वीसी को भेजे गए मांग पत्र में छात्रों ने जांच पर सवाल उठाए हैं. छात्रों ने बताया कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका (opportunity to be heard) नहीं दिया गया. जांच प्रक्रिया में चार महीने की देरी निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़ी करती है. जिन सबूतों के सहारे छात्रों को निलंबित किया गया है, उसके बारे में उन्हें नहीं बताया गया.

यह भी पढ़ें : जेठानी डिंपल के खिलाफ देवरानी अपर्णा के उपचुनाव लड़ने की अटकलें, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से की मुलाकात

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में चार महीने पहले हुई रैगिंग (ragging) की घटना पर अब हुई कार्रवाई पर छात्रों ने नाराजगी जताई है. इसको लेकर गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. इसके बाद निलंबित समेत अन्य छात्रों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर प्रदर्शन (siege demonstration) किया. छात्रों का आरोप था कि जांच कमेटी ने निष्पक्षता से सुनवाई नहीं की. छात्रों ने नए प्रॉक्टोरियल बोर्ड से इसकी निष्पक्षता से जांच कराने की मांग करते हुए वीसी को ज्ञापन भी भेजा.

मामला जुलाई का है, कुछ छात्रों पर विश्वविद्यालय में रैगिंग (ragging) का आरोप लगा था, जिस पर गुरुवार को बीए एलएलबी के तीसरे वर्ष छह छात्रों को छह महीने के लिए हॉस्टल से निलंबित किया गया और प्रत्येक छात्र पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. एंटी रैगिंग कमेटी ने पांच आरोपी सीनियर छात्रों को हॉस्टल से निलंबित करते हुए गुरुवार को उन्हें हॉस्टल खाली करने का नोटिस दे दिया. इसके बाद निलंबित समेत अन्य कई छात्रों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप था कि जांच कमेटी ने निष्पक्षता से सुनवाई नहीं की.

छात्रों का आरोप (students allegation) है कि चीफ प्रॉक्टर डॉ. केए पांडेय (Chief Proctor Dr KA Pandey) ने छात्रों को बिना सुने और बिना किसी सबूत के गलत तरीके से निलंबित किया है. वहीं छात्रों का कहना है कि तीसरे वर्ष के छात्र यषार्थ टंडन उस दिन विश्वविद्यालय में था भी नहीं तब भी उसके बावजूद उसको हॉस्टल से निलंबित कर दिया गया हैं। इस फैसले के विरोध में बीए एलएलबी के छात्र शाम को चार बजे प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए. कुलपति से मुलाकात न होने के कारण सात बजे कुलपति को ज्ञापन मेल करके धरना समाप्त कर दिया. शुक्रवार को छात्र निलंबन के विरोध में कुलपति से मिलने जाएंगे.

चीफ प्राक्टर प्रो. केए पांडेय (Chief Proctor Dr KA Pandey) ने बताया कि कुलपति से 9 नवंबर को आदेश लेने के बाद यह कार्रवाई की गई है. इसमें बीए एलएलबी तृतीय वर्ष के छह छात्रों पर कार्रवाई की गई है. उन्हें क्लास करने, परीक्षा देने और 10 से 5 बजे तक लाइब्रेरी में जाने की अनुमति होगी. इसके अलावा वह परिसर में कहीं नहीं जा सकते. वहीं वीसी को भेजे गए मांग पत्र में छात्रों ने जांच पर सवाल उठाए हैं. छात्रों ने बताया कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका (opportunity to be heard) नहीं दिया गया. जांच प्रक्रिया में चार महीने की देरी निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़ी करती है. जिन सबूतों के सहारे छात्रों को निलंबित किया गया है, उसके बारे में उन्हें नहीं बताया गया.

यह भी पढ़ें : जेठानी डिंपल के खिलाफ देवरानी अपर्णा के उपचुनाव लड़ने की अटकलें, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से की मुलाकात

Last Updated : Nov 11, 2022, 8:50 AM IST
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