लखनऊ : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को प्रॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बड़ी संख्या में छात्रों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर 2 पर प्रदर्शन किया और कुलपति से प्रॉक्टर पर कार्रवाई करने की मांग करने लगे. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि प्रॉक्टर ने मनुस्मृति जलने वाले सभी छात्रों को देशद्रोही कहकर उन्हें कैंपस में प्रवेश देने पर पाबंदी लगा दी है. साथ ही इस मामले में शामिल सभी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं. दलितों छात्रों को चिन्हित करके उन्हें विश्वविद्यालय में आने नहीं दिया जा रहा है.
कुछ दिन पहले जलाई गई थी मनुस्मृति : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने अपने साथ हो रहे भेदभाव के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर में मनुस्मृति की कुछ प्रतियां जला दी थीं. इसके बाद विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर ने कुछ छात्रों पर परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी. साथ ही कुछ छात्रों को शर्त के साथ प्रवेश करने की अनुमति दी थी. प्रदर्शन में शामिल स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया एसएफआई के छात्र नेताओं का कहना है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को महाड सत्याग्रह में मनुस्मृति जिसमें जाति व्यवस्था के शोषण, महिलाओं महिलाओं की बातों का वर्णन है. किताब को बाबा साहब ने जला दिया था. इस तिथि को भारत का दलित वर्ग उसे समय से मनुस्मृति दहन दिवस के रूप में मनाता आ रहा है. जिससे 25 दिसंबर विश्वविद्यालय के दलित छात्रों ने मनुस्मृति को जलाया था. जिसको बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलानुशासक ने देशद्रोही गतिविधि कहा. जिसका सबूत वीडियो फुटेज में है. छात्रों का कहना है कि क्या बाबा साहब के विचारों को मानते हुए मनुस्मृति जलाना देशद्रोही कार्य है.
कई छात्र किए गए हैं निलंबित : छात्रों का आरोप है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में मनुस्मृति जलाने के कारण कई छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. कई छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश से वर्जित कर दिया गया है. कुलानुशासक द्वारा उनको देशद्रोही बोला जा रहा है, जो कतई उचित नहीं है. इसी के विरोध में मंगलवार को छात्रों ने पहले गेट नंबर 2 को करीब दो घंटे तक बंद रखा. इसी दौरान कुलानुशासक आए और छात्रों को गिरफ्तार करवाने की धमकी देकर चले गए. बहरहाल देशद्रोही बोले जाने से नाराज छात्र कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं. छात्रों की मांग है कि कुलानुशासक का निलंबन किया जाए.
प्रोक्टोरियल बोर्ड ने माफी मांगी : छात्रों के हंगामे के बीच प्रोक्टोरियल बोर्ड की टीम के सदस्य डाॅ. ओपीबी शुक्ला प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिले और प्राॅक्टर की ओर से कहे गए देशद्रोही शब्द के लिए माफी मांगी. वहीं कुलपति के अवकाश पर होने के कारण उनके ओएसडी डाॅ. मनोज डौंडियाल ने छात्रों को आश्वासन दिया कि प्राॅक्टर के खिलाफ जांच कमेटी का गठन किया जाएगा. इसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया.
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