लखनऊः छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने और पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए स्थापित की गई हैप्पी थिंकिंग लैब छात्रों को काफी रास आ रही है. अब तक हैप्पीनेस हासिल करने की चाहत में 2500 से अधिक छात्र ऑनलाइन माध्यम से जुड़ चुके हैं, जिनकी मोटिवेशनल स्पीच व अन्य माध्यमों से काउंसलिंग की जा रही है.
एलयू ने छात्रों में नकारात्मक विचार को खत्म कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब स्थापित की है. इसमें छात्रों को मोटिवेशनल स्पीच के साथ बायोवल मशीन से उनके शरीर में ऊर्जा की जांच की जा रही है. मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब में बायोवेल, बायोफीडबैक और कराडा स्कैन जैसे आधुनिक यंत्र लगाए गए हैं. निदेशक काउंसलिंग एंड गाइडेंस, लखनऊ विश्वविद्यालय व मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि पिछले 4 महीनों में ऑनलाइन माध्यम से 2500 छात्र अब तक थिंकिंग लैब से जुड़ चुके हैं.
विचार की शक्ति की कर सकेंगे पहचान
प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि इस प्रयोगशाला में छात्र अपने मस्तिष्क में उठने वाले प्रत्येक विचार की शक्ति की पहचान कर सकेंगे साथ ही नकारात्मक विचारों को सकारात्मक बनाने, अवांछनीय आदतों एवं व्यवहार पर काबू पाने का कौशल भी इस प्रयोगशाला में छात्रों को सिखाया जाएगा. वहीं लविवि के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इसके सफल संचालन के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हैप्पी थिंकिंग लैब छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करेगी.
एजुकेशन फॉर हैप्पीनेस कोर्स शुरू करने की तैयारी
छात्रों को तनाव से दूर रखने और उन्हें वास्तविक आनंद का भाव देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय एजुकेशन फॉर हैप्पीनेस नाम का एक नया कोर्स शुरू करने की तैयारी में है. इसका वास्तविक मकसद वर्चुअल माध्यम से खुशी ढूंढ रहे बच्चों को समाज और परिवार के साथ मिलने वाले आनंद के बारे में बताना है. इसके अलावा पाठ्यक्रम में दर्शन, गीता से जुड़ी चीजें भी शामिल की जानी की तैयारी है.
हैप्पी थिंकिंग लैब में पढ़ाई का तनाव कम कर रहे स्टूडेंट - happy thinking lab
लखनऊ विश्वविद्यालय ने छात्रों में नकारात्मक विचार को खत्म कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब स्थापित की है. इसमें छात्रों को मोटिवेशनल स्पीच के साथ बायोवल मशीन से उनके शरीर में ऊर्जा की जांच की जा रही है. मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब में बायोवेल, बायोफीडबैक और कराडा स्कैन जैसे आधुनिक यंत्र लगाए गए हैं.
![हैप्पी थिंकिंग लैब में पढ़ाई का तनाव कम कर रहे स्टूडेंट हैप्पी थिंकिंग लैब में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10147707-25-10147707-1609992066523.jpg?imwidth=3840)
लखनऊः छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने और पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए स्थापित की गई हैप्पी थिंकिंग लैब छात्रों को काफी रास आ रही है. अब तक हैप्पीनेस हासिल करने की चाहत में 2500 से अधिक छात्र ऑनलाइन माध्यम से जुड़ चुके हैं, जिनकी मोटिवेशनल स्पीच व अन्य माध्यमों से काउंसलिंग की जा रही है.
एलयू ने छात्रों में नकारात्मक विचार को खत्म कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब स्थापित की है. इसमें छात्रों को मोटिवेशनल स्पीच के साथ बायोवल मशीन से उनके शरीर में ऊर्जा की जांच की जा रही है. मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब में बायोवेल, बायोफीडबैक और कराडा स्कैन जैसे आधुनिक यंत्र लगाए गए हैं. निदेशक काउंसलिंग एंड गाइडेंस, लखनऊ विश्वविद्यालय व मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि पिछले 4 महीनों में ऑनलाइन माध्यम से 2500 छात्र अब तक थिंकिंग लैब से जुड़ चुके हैं.
विचार की शक्ति की कर सकेंगे पहचान
प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने बताया कि इस प्रयोगशाला में छात्र अपने मस्तिष्क में उठने वाले प्रत्येक विचार की शक्ति की पहचान कर सकेंगे साथ ही नकारात्मक विचारों को सकारात्मक बनाने, अवांछनीय आदतों एवं व्यवहार पर काबू पाने का कौशल भी इस प्रयोगशाला में छात्रों को सिखाया जाएगा. वहीं लविवि के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इसके सफल संचालन के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हैप्पी थिंकिंग लैब छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करेगी.
एजुकेशन फॉर हैप्पीनेस कोर्स शुरू करने की तैयारी
छात्रों को तनाव से दूर रखने और उन्हें वास्तविक आनंद का भाव देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय एजुकेशन फॉर हैप्पीनेस नाम का एक नया कोर्स शुरू करने की तैयारी में है. इसका वास्तविक मकसद वर्चुअल माध्यम से खुशी ढूंढ रहे बच्चों को समाज और परिवार के साथ मिलने वाले आनंद के बारे में बताना है. इसके अलावा पाठ्यक्रम में दर्शन, गीता से जुड़ी चीजें भी शामिल की जानी की तैयारी है.