लखनऊ: यूपी में अवैध खनन और चीनी मिल घोटाला की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं. अवैध खनन में सीबाआई कई अफसरों पर शिकंजा भी कस चुकी है. वहीं अब सवाल यह उठता है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती तक पहुंच पाएगी. क्योंकि यूपी में अभी तक पूर्व में हुए घोटालों के इतिहास में कोई भी पूर्व सीएम जेल की सलाखों तक नहीं पहुंच पाया है.
इसी को लेकर ईटीवी भारत ने राजनीतिक विश्लेषक डॉ एसपी सिंह और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज मिश्रा से बातचीत की.
जानिए क्या है पूरा मामला-
- मायावती सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर चीनी मिल घोटाला हुए है.
- घोटाले में करीब 17 सौ करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई.
- वहीं अखिलेश यादव की सरकार के दौरान कई जिलों में अवैध खनन करके हजारों रुपये का घोटाला किया गया.
- केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां लगातार इन दोनों घोटालों की सक्रियता से जांच कर रही है.
- सीबीआई ने अवैध घोटालों में लिप्त अफसरों पर शिकंजा कसना भी शुरू कर दिया है.
- पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से भी अवैध खनन मामले को लेकर सीबाआई जल्दी पूछताछ करने वाली है.
- सीबाआई ने इसके लिए नोटिस भी जारी कर दिया है.
राजनीतिक विश्लेषक डॉ एसपी सिंह ने कहा कि कोई भी फैसला होता है तो वह ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर ही नहीं सीमित रहता है. बकायदा कोई भी बड़ा फैसला होता है तो वह कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद होती है. ऐसे में सिर्फ ब्यूरोक्रेसी को ही जिम्मेदार मान लेना ठीक नहीं है. चीनी मिल की जो बिक्री हुई और उसमें करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हुई. उसका भी फैसला कैबिनेट से हुआ था और मुख्यमंत्री स्तर पर हुआ.
इसके बाद खनन को लेकर जो निर्णय हुआ और उसके बाद घोटाला सामने आया उसका भी फैसला ब्यूरोक्रेसी के अलावा कैबिनेट की मंजूरी के बाद हुआ. कुछ समय तक तो खनन विभाग मुख्यमंत्री के पास था तो सिर्फ ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर घोटाला हो गया और किसी को कुछ पता नहीं तो यह बहुत ही हास्यास्पद है. निश्चित तौर पर जांच ढंग से होगी. इसकी आंच ऊपर तक भी पहुंचेगी और सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य के साथ जांच नहीं होनी चाहिए.
सीबीआई स्वायत्तशासी संस्था है. ऐसे में यह लोग अपनी जांच तथ्यों के आधार पर करते हैं, जिसके खिलाफ सबूत मिलेंगे उसके आधार पर कार्रवाई होगी. इसमें कोई बख्शा नहीं जाएगा. चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो.
-डॉ. मनोज मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा