ETV Bharat / state

भंवरेश्वर महादेव की अद्भुत कहानी, औरगंजेब को करवाना पड़ा था मंदिर का दोबारा जीर्णोद्धार

प्राचीन शिवालयों में शुमार भंवरेश्वर महादेव की महिमा निराली है. भक्त बताते हैं कि यहां का शिवलिंग द्वापर युग का है. महाबली भीम ने इसकी स्थापना की थी. जब पांडवों को वनवास हुआ था तब इसका नाम भीमाशंकर था.

लखनऊ शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, किया जलाभिषेक
author img

By

Published : Jul 22, 2019, 1:38 PM IST

लखनऊ: देवों के देव महादेव भगवान शिव को सावन मास सबसे प्रिय और आज सावन का पहला सोमवार है. जिसका पुराणों में विशेष महत्व बताया है. देशभर के शिवालयों में शिव भक्त भगवान शंकर का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे हैं. ऐसा ही नजारा कुछ राजधानी की सीमा पर बने भवरेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिला जहां पर सावन के पहले सोमवार पर लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.भवरेश्वर मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है. ऐसी मान्यता हैकि इस शिवलिंग की स्थापना कुंती पुत्र भीम ने की थी.

भंवरेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का उमड़ा सैलाब.

जानिए क्या है मंदिर का रहस्य और उससे जुड़ी कथा-

मुगल काल में औरंगजेब जब खजाने लूटने आया तो वह यहां भी पहुंचा और जब शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश की तो वहां से रक्त की धारा बाहर निकली और लाखों की संख्या में भंवरे भी निकले,जिससे उसकी सारी सेना मूर्छित हो गई. जिसके बाद औरंगजेब ने अपनी गलती मानी और दोबारा से गुंबद नुमा मंदिर को बनाया. जिसके बाद यहां के राजा रामपाल की रानी श्रीमती गणेश साहिबा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया.उसके बाद से ही इस मंदिर का नाम भवरेश्वर पड़ा.


इस बार सावन में पड़ रहे हैं चार सोमवार-
इस बार सावन में चार सोमवार पढ़ रहे हैं. सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो चुका है और 15 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है. पहला सावन का सोमवार 22 जुलाई दूसरा 29 जुलाई तीसरा 5 अगस्त और चौथा सावन का सोमवार 12 अगस्त है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भोले बाबा की उपासना करने पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.

लखनऊ: देवों के देव महादेव भगवान शिव को सावन मास सबसे प्रिय और आज सावन का पहला सोमवार है. जिसका पुराणों में विशेष महत्व बताया है. देशभर के शिवालयों में शिव भक्त भगवान शंकर का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे हैं. ऐसा ही नजारा कुछ राजधानी की सीमा पर बने भवरेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिला जहां पर सावन के पहले सोमवार पर लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.भवरेश्वर मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है. ऐसी मान्यता हैकि इस शिवलिंग की स्थापना कुंती पुत्र भीम ने की थी.

भंवरेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का उमड़ा सैलाब.

जानिए क्या है मंदिर का रहस्य और उससे जुड़ी कथा-

मुगल काल में औरंगजेब जब खजाने लूटने आया तो वह यहां भी पहुंचा और जब शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश की तो वहां से रक्त की धारा बाहर निकली और लाखों की संख्या में भंवरे भी निकले,जिससे उसकी सारी सेना मूर्छित हो गई. जिसके बाद औरंगजेब ने अपनी गलती मानी और दोबारा से गुंबद नुमा मंदिर को बनाया. जिसके बाद यहां के राजा रामपाल की रानी श्रीमती गणेश साहिबा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया.उसके बाद से ही इस मंदिर का नाम भवरेश्वर पड़ा.


इस बार सावन में पड़ रहे हैं चार सोमवार-
इस बार सावन में चार सोमवार पढ़ रहे हैं. सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो चुका है और 15 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है. पहला सावन का सोमवार 22 जुलाई दूसरा 29 जुलाई तीसरा 5 अगस्त और चौथा सावन का सोमवार 12 अगस्त है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भोले बाबा की उपासना करने पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.

Intro:देवों के देव महादेव भगवान शिव को सावन मा सबसे फ्री है और आज पहला सावन का सोमवार है देशभर के शिवालयों में शिव भक्त भगवान शंकर का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे हैं। इस बार सावन में चार सोमवार पढ़ रहे हैं सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो चुका है और 15 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है। पहला सावन का सोमवार 22 जुलाई दूसरा 29 जुलाई तीसरा 5 अगस्त और चौथा सावन का सोमवार 12 अगस्त है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भोले बाबा की उपासना करने पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।


Body:ऐसा ही नजारा कुछ राजधानी लखनऊ की सीमा पर बने भवरेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिला जहां पर सावन के पहले सोमवार पर लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। भवरेश्वर मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है ऐसा कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना भीम द्वारा की गई थी।

मुगल काल में औरंगजेब जब खजाने लूटा था तो वह यहां भी पहुंचा जब शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश की तो वहां से रक्त की धारा बाहर निकली और लाखों की संख्या में भवरे भी जिससे उसकी सारी सेना मूर्छित हो गई। जिसके बाद औरंगजेब ने अपनी गलती मानी और दोबारा से गुंबद नुमा मंदिर को बनाया। जिसके बाद यहां के राजा रामपाल की रानी श्रीमती गणेश साहिबा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। उसके बाद से ही इस मंदिर का नाम भवरेश्वर पड़ा।

बाइट- पुजारी

भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आए भक्तों से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वह भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए बहुत उत्साहित हैं और जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यहां आता है उसकी मनोकामना भगवान भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं।

वॉक थ्रू- भक्तों के साथ


Conclusion:आज सावन का पहला सोमवार है और पूरे देश के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है वही तीन जिलों की सीमा पर स्थित प्राचीन व ऐतिहासिक भगवान भोलेनाथ का मंदिर भवरेश्वर में भी लाखों भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचे हैं।

योगेश मिश्रा लखनऊ
7054179998
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.