लखनऊः राजधानी के डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो गई हैं. गूगल मीट से लेकर दूसरे एप्स के माध्यम से कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. हालांकि, इन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम है. आमतौर पर 60 से 70 प्रतिशत छात्र-छात्राएं इन कक्षाओं से नदारद रहते हैं. शिक्षकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते लखनऊ के हालात काफी खराब हैं. शिक्षक, छात्र और उनके परिवारजन, सभी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. फिलहाल इन कक्षाओं को टाल ही देना चाहिए.
यह है कम उपस्थिति का कारण
डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अंजनी मिश्रा ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के निर्देशों के बाद ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी गई है. सभी शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं. उनके स्तर पर टाइम टेबल बनाकर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. क्रिश्चियन कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक मौलेन्दु मिश्र ने बताया कि वाट्सएप पर स्टडी मैटीरियल उपलब्ध कराकर गूगल मीट जैसे एप्स पर क्लास हो रही है.
बप्पा श्री नारायण वोकेशनल डिग्री कॉलेज (बीएसएनवी) के प्रिंसिपल डॉ. राकेश चंद्रा ने बताया कि शिक्षक अपने स्तर पर क्लासेज ले रहे हैं लेकिन छात्रों की उपस्थिति कम है. उनके कॉलेज में यह उपस्थिति 30 से 40 प्रतिशत तक है. उनकी मानें तो कोरोना संक्रमण के चलते माहौल बेहद खराब हो चला है. एक तो संसाधनों की कमी और दूसरी कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसेज के चलते छात्रों की उपस्थिति कम हो सकती है.
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फिलहाल रद्द कर दी जाएं क्लासेज
विद्यांत हिन्दू पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. धर्मकौर का कहना है कि बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र और उनके परिजन इस समय संक्रमित हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय का कहना है कि ऐसे में न केवल छात्र बल्कि शिक्षकों के लिए क्लास लेना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है. ऐसे में बेहतर होगा कि क्लासेज के नाम पर खानापूर्ति बंद की जाए. स्थितियां सामान्य होने पर कक्षाओं का संचालन किया जाए.