लखनऊ: यूपी में भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष व योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद उन समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की एक झलक देखना पसंद नही करते है, जिनकी पीएम मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ कई बार प्रशंसा कर चुके हैं. कैबिनट मंत्री संजय निषाद ने अपने सरकारी बंगले में लगी लोहिया की प्रतिमा को चारों ओर से ढकवा दिया है ताकि उनकी नजर उस प्रतिमा पर न पड़ सके.
लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित 1 नंबर बंगला यूपी सरकार के मत्स्य मंत्री व निषाद पार्टी के चीफ संजय निषाद के नाम आवंटित है. यह बंगला दो दशक तक लोहिया ट्रस्ट के नाम पर आवंटित था. इसी बंगले के बगीचे में समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की मूर्ति लगी हुई है. जिसे मंत्री संजय निषाद के बंगले में आने के बाद ढक दिया गया है. इसके लिए बाकायदा लकड़ी के बोर्ड से प्रतिमा को चारो ओर से बंद किया गया है जिससे आने-जाने वाले किसी भी शख्स की नजर इस प्रतिमा पर न पड़ सके.
जिन लोहिया की एक झलक संजय निषाद को देखना मंजूर नही है, उन लोहिया की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कर चुके हैं. पीएम मोदी ने साल 2015 में लोहिया के बारे में कहा था कि राम मनोहर लोहिया, जिन्होंने भारतीय राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी, की जयंती पर मैं उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मोदी ने कहा था कि "कई अन्य बातों के अलावा स्वच्छता के प्रति डॉ. राम मनोहर लोहिया की प्रतिबद्धता हमें लगातार प्रेरित करती रहती है. साल 2021 को पीएम मोदी ने राम मनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा था कि कई ऐतिहासिक घटनाओं में उनकी अग्रणी भूमिका रही और हमारे स्वतंत्रता संग्राम में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
सीएम योगी ने साल 2021 में कहा था कि आदरणीय PM मोदी जी का नया मंत्रिमंडल वास्तव में संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करता है. हमारे महापुरुषों ने खासकर बाबा साहेब और लोहिया जी जैसे चिंतकों ने देश में जिस जनप्रतिनिधित्व और जनभागीदारी की कल्पना की थी, आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में वो सरकार से लेकर समाज तक साकार हो रहा है. साल 2022 में सीएम योगी ने विधानसभा में कहा कि जब समाजवाद की बात होती थी तब डॉ.लोहिया, जयप्रकाश जैसे संघर्षशील नेताओं की चर्चा होती थी. उन्होंने अखिलेश यादव से कहा था कि उन्हें लोहिया को पढ़ना चाहिए.
पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा कई बार तारीफ करने के बावजूद योगी कैबिनेट के मंत्री द्वारा लोहिया की प्रतिमा को कैद करवाना कहीं न कहीं लोहिया के आदर्शों का सम्मान न करने जैसा है. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी इस मामले में कोई हस्तक्षेप करेगी. क्या यह प्रतिमा पहले की तरह नजर आएगी या फिर इसी तरह कैद रहेगी?
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