लखनऊ : केजीएमयू में रोबोटिक सर्जरी की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इस रोबोटिक सर्जरी द्वारा गंभीर बीमारियों से जूझ रहे कई मरीजों को राहत मिलेगी. राज्य में पहले ओपन सर्जरी होती थी. इसके बाद लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का चलन बढ़ा. इसमें छोटे सुराग से दूरबीन के जरिए ऑपरेशन किए जाने लगे. इस सर्जरी से मरिजों में फास्ट रिकवरी को देखकर इस विधि का इस्तेमाल ऑपरेशन में भी किया जाने लगा.
धीरे-धीरे मिनिमल इनवेसिव सर्जरी ने भी जोर पकड़ा. डॉक्टरों का दावा है कि इस विधि से मरीज में रक्तस्राव कम होता है. मरीज को अस्पताल से छुट्टी जल्दी मिल जाती है. इससे खर्चा भी कम हो जाता है. वहीं, अब रोबोटिक सर्जरी डॉक्टरों-मरीजों को लुभा रही है. साथ ही रोबोटिक सर्जरी में मरीजों में गलती की गुंजाइश नगण्य होती है.
32 करोड़ से बनेगा सेंटर : केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने बताया कि यह रोबोटिक सेंटर संस्थान लगभग 32 करोड़ के करीब बनेगा. इसका प्रस्ताव प्रशासन को भेज दिया गया है. इसके लिए दो रोबोटिक मशीन खरीदी जाएंगी. यह मशीन शताब्दी परिसर या मुख्य कैंपस में लगेंगी. रोबोटिक मशीन आधुनिक ओटी बनाकर इंस्टॉल की जाएंगी. इसके साथ ही विभिन्न विभागों के डॉक्टरों को रोबोटिक मशीन पर सर्जरी के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि हर प्रकार के मरीजों को रोबोटिक सर्जरी का फायदा दिया जा सके. खासकर गायनी, जनरल सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी, यूरोलॉजी, सर्जिकल आंकोलॉजी, न्यूरो के मरीज रोबोट के जरिए ऑपरेशन करा सकेंगे.
इसे भी पढ़े - लखनऊ आवास विकास परिषद में घोटाला, एक चेक से दो बार हुआ भुगतान
पीजीआई में हो चुके 50 से अधिक ऑपरेशन : एसजीपीजीआई में रोबोटिक सेंटर करीब एक साल से चल रहा है. यहां पर पहले एंडोक्राइन सर्जरी के ऑपरेशन किए गए. इसके बाद विभिन्न विभागों में रोबोट के जरिए ऑपरेशन होने लगे. वहीं, माहभर पहले बच्चों के भी ऑपरेशन रोबोट से होने लगे हैं. केजीएमयू में बनने वाला रोबोटिक सेंटर प्रदेश का दूसरा रोबोटिक सेंटर होगा.
दूसरा ट्रामा सेंटर भी बनेगा : केजीएमयू में 400 बेड का एक ट्रामा सेंटर संचालित है. इस पर मरीजों को काफी बोझ रहता है. बेड से लेकर वेंटीलेटर तक मिलने में दिक्कतें होती हैं. ऐसे में शासन ने केजीएमयू में ट्रामा सेंटर-2 बनाने का फैसला किया है. यह पुराने ट्रामा सेंटर के बगल में खाली पड़ी जमीन पर बनेगा. इसके जरिए गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा. ट्रामा-2 में करीब 200 बेड होंगे. यह बेड गंभीर मरीजों के लिए होंगे. साथ ही अति गंभीर मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर यूनिट भी बनेगी.