लखनऊ : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ रवि कुमार गुप्ता ने पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर को पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट करने के मामले में दाखिल वाद को पोषणीय माना है. कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर की ओर से दाखिल वाद पर उनका बयान दर्ज करने के लिए 11 जुलाई की तिथि नियत की है.
पूर्व आईपीएस अधिकारी की ओर से दाखिल वाद में कहा गया है कि लखनऊ पुलिस ने 20 जून 2022 को अमिताभ ठाकुर को दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 की तमाम गड़बड़ियों के संबंध में ईको गार्डन में आयोजित सत्याग्रह में जाने से रोकने के लिए 19 जून की रात से उनके गोमती नगर स्थित आवास पर भारी पुलिस बल लगा दिया. पुलिस ने उन्हें घर पर नजरबंद कर दिया. साथ ही उनसे मिलने आए कुछ अभ्यर्थियों को भी पुलिस उठाकर अनजान स्थान पर ले गई थी.
आरोप है कि पुलिस द्वारा अमिताभ ठाकुर को बताया गया कि उन्हें सीनियर अफसरों के आदेश पर घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह रोक है. यदि वह घर के बाहर निकलेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उक्त वाद में उन्होंने लखनऊ पुलिस की इस कार्रवाही को पूरी तरह अवैध बताते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
मंगलवार को अमिताभ ठाकुर के वकील दीपक कुमार ने कोर्ट को बताया कि पुलिस की कार्रवाई से उत्पन्न तनाव के कारण अमिताभ की तबियत बिगड़ गयी थी. इसके बाद उन्हें लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया था, लेकिन लखनऊ पुलिस वहां भी अमिताभ को घेरे रही थी.
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