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बाबरी विध्वंस मामला: अदालत पहुंचे छह आरोपियों में केवल एक का दर्ज हुआ बयान

बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने पहले दिन 7 आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, जिसमें से केवल 6 लोग ही कोर्ट पहुंचे. वहीं पूछताछ में लगने वाले समय को देखते हुए पहले दिन केवल एक आरोपी का ही बयान दर्ज किया गया. शुक्रवार को रामविलास वेदांती का बयान दर्ज किया जाएगा.

statement of accused in babri demolition case
बचाव पक्ष के वकील केके मिश्रा.
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Published : Jun 4, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 6:28 PM IST

लखनऊ: अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में रविवार को कुल 7 आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया, लेकिन इसमें से केवल 6 लोग पहुंचे. 1047 सवालों का जवाब दर्ज होने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए अदालत ने पहले दिन विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर का बयान दर्ज किया है. अन्य लोगों को अगले दिन बुलाया गया है.

बचाव पक्ष के वकील ने दी जानकारी.

1047 सवालों की है सूची
सीबीआई की विशेष अदालत में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया गुरुवार को शुरू हुई. आरोपियों का बयान हालांकि पहले दर्ज हो चुका है, लेकिन सीबीआई की ओर से जो गवाह पेश किए गए, उनके बयान के आधार पर अदालत में 1047 सवालों की सूची तैयार की गई है. अब इन सवालों के आधार पर आरोपियों के बयान दर्ज किए जाएंगे.

आडवाणी, जोशी समेत 32 लोग हैं आरोपी
इस मामले में कुल 32 आरोपी जीवित हैं, जिनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, साध्वी ऋतंभरा, साध्वी उमा भारती, बृजभूषण शरण सिंह, जयभान सिंह पवैया, जय भगवान गोयल, रामचंद्र गोयल, रामचंद्र खत्री, आरएन श्रीवास्तव, पवन पांडे और गांधी यादव आदि शामिल हैं.

बचाव पक्ष के वकील ने क्या बताया
बचाव पक्ष के अधिवक्ता केके मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि गुरुवार को अदालत में जिन सात आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था, उनमें पूर्व सांसद विनय कटियार, राम विलास वेदांती, महंत धर्मदास, पूर्व विधायक पवन पांडे, संतोष दुबे, विजय बहादुर और गांधी यादव को पेश होना था. इसमें से महंत धर्मदास अकेले हैं, जो उपस्थित नहीं हुए. सुबह जब अदालत शुरू हुई तो विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर का बयान दर्ज करना शुरू किया गया.

अधिवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि अदालत की ओर से पहले आरोपियों को लिखित जवाब लाकर जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया. अभियोजन पक्ष ने अदालत में ही बयान दर्ज करने के नियम का हवाला दिया. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर सिंह का बयान दर्ज कराया गया.

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तीन महीने का लग सकता है वक्त
उन्होंने बताया कि इतने सवाल हैं, जिनका जवाब देने में हर आरोपी को कम से कम 3 दिन लगेंगे. ऐसे में 3 महीने से ज्यादा का वक्त बयान दर्ज करने के लिए चाहिए. अदालत इस पर विचार कर रही है कि समय सीमा को कम किया जाए. इसलिए संभावना है कि शुक्रवार से तीन या चार स्टेनोग्राफर अदालत में मौजूद रहेंगे. इस तरह एक दिन में तीन से चार आरोपियों के बयान दर्ज हो सकेंगे.

लखनऊ: अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में रविवार को कुल 7 आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया, लेकिन इसमें से केवल 6 लोग पहुंचे. 1047 सवालों का जवाब दर्ज होने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए अदालत ने पहले दिन विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर का बयान दर्ज किया है. अन्य लोगों को अगले दिन बुलाया गया है.

बचाव पक्ष के वकील ने दी जानकारी.

1047 सवालों की है सूची
सीबीआई की विशेष अदालत में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया गुरुवार को शुरू हुई. आरोपियों का बयान हालांकि पहले दर्ज हो चुका है, लेकिन सीबीआई की ओर से जो गवाह पेश किए गए, उनके बयान के आधार पर अदालत में 1047 सवालों की सूची तैयार की गई है. अब इन सवालों के आधार पर आरोपियों के बयान दर्ज किए जाएंगे.

आडवाणी, जोशी समेत 32 लोग हैं आरोपी
इस मामले में कुल 32 आरोपी जीवित हैं, जिनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, साध्वी ऋतंभरा, साध्वी उमा भारती, बृजभूषण शरण सिंह, जयभान सिंह पवैया, जय भगवान गोयल, रामचंद्र गोयल, रामचंद्र खत्री, आरएन श्रीवास्तव, पवन पांडे और गांधी यादव आदि शामिल हैं.

बचाव पक्ष के वकील ने क्या बताया
बचाव पक्ष के अधिवक्ता केके मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि गुरुवार को अदालत में जिन सात आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था, उनमें पूर्व सांसद विनय कटियार, राम विलास वेदांती, महंत धर्मदास, पूर्व विधायक पवन पांडे, संतोष दुबे, विजय बहादुर और गांधी यादव को पेश होना था. इसमें से महंत धर्मदास अकेले हैं, जो उपस्थित नहीं हुए. सुबह जब अदालत शुरू हुई तो विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर का बयान दर्ज करना शुरू किया गया.

अधिवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि अदालत की ओर से पहले आरोपियों को लिखित जवाब लाकर जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया. अभियोजन पक्ष ने अदालत में ही बयान दर्ज करने के नियम का हवाला दिया. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के विजय बहादुर सिंह का बयान दर्ज कराया गया.

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तीन महीने का लग सकता है वक्त
उन्होंने बताया कि इतने सवाल हैं, जिनका जवाब देने में हर आरोपी को कम से कम 3 दिन लगेंगे. ऐसे में 3 महीने से ज्यादा का वक्त बयान दर्ज करने के लिए चाहिए. अदालत इस पर विचार कर रही है कि समय सीमा को कम किया जाए. इसलिए संभावना है कि शुक्रवार से तीन या चार स्टेनोग्राफर अदालत में मौजूद रहेंगे. इस तरह एक दिन में तीन से चार आरोपियों के बयान दर्ज हो सकेंगे.

Last Updated : Jun 4, 2020, 6:28 PM IST
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