लखनऊ : राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की सोमवार को होने वाली अहम बैठक में आम जनता की जेब पर भार डालने वाले प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है. जी हां, एसटीए के मेंबर इस महात्वपूर्ण बैठक में दो अहम प्रस्तावों पर मंथन कर फैसला ले सकते हैं. यह दोनों प्रस्ताव बसों और ऑटो के किराए में बढ़ोतरी से संबंधित हैं. इसके अलावा 360 किलोमीटर के पूर्वांचल वे पर निजी और रोडवेज बसों के परमिट से लेकर पुराने परमिट नवीनीकरण और अन्य प्रकरणों से जुड़े प्रस्ताव पर भी निर्णय लिया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का तर्क है कि डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद भी रोडवेज बसों का किराया नहीं बढ़ाया गया. इससे रोडवेज को काफी घाटा हो रहा है. वहीं ऑटो यूनियन ने इस तर्क के साथ किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है कि साल 2014 से ऑटो के किराए में इजाफा नहीं किया गया है. जबकि सीएनजी के दाम ढाई गुना से भी ज्यादा बढ़ गए हैं. ऐसे में रोडवेज बसों के किराये में 25 पैसा प्रति किलोमीटर प्रति यात्री और ऑटो रिक्शा के किराये में वृद्धि के प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है. राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की इस बैठक में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रूट पर बसों के संचालन पर भी सदस्य चर्चा करेंगे. रोडवेज ने आगरा-नोएडा एक्सप्रेस-वे पर 20 और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 30 बसों के संचालन का प्रस्ताव दिया है.
बता दें, 11 जनवरी को आगरा-नोएडा एक्सप्रेस-वे के रूट को भी एसटीए के दायरे में लाने का शासनादेश जारी हुआ था. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर का कहना है कि अभी तक इन रूटों पर मौखिक रूप से अनुमति के साथ संचालन हो रहा है. अभी तक ये एक्सप्रेस वे राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) के दायरे में नहीं थे. परिवहन निगम की तरफ से इससे संबंधित प्रस्ताव एसटीए को भेजा गया है. उम्मीद है कि रोडवेज बसों के दोनों प्रस्तावों, चाहे वह किराया बढ़ाने को लेकर या फिर परमिट को लेकर, एसटीए के सदस्य मुहर जरूर लगाएंगे.
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