लखनऊ : राज्य परिवहन प्राधिकरण ने रोडवेज बसों और ऑटो के किराए संबंधी प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. परिवहन निगम की तरफ से 25 पैसे प्रति किलोमीटर साधारण बसों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. इस पर सोमवार को राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में मुहर लग गई. यानी अब रोडवेज बसों का किराया बढ़ना तय हो गया है. जैसे ही एसटीए की तरफ से मिनट्स जारी होंगे किराया लागू हो जाएगा, हालांकि ऑटो यूनियन की तरफ से किराया बढ़ाने संबंधी जो प्रस्ताव दिया गया था उस पर राज्य परिवहन प्राधिकरण की मीटिंग में सहमति तो बनी, लेकिन ऑटो यूनियन की मंशा के अनुरूप किराए में बढ़ोतरी नहीं की गई है. इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा नोएडा एक्सप्रेस वे पर बसों को परमिट संबंधी प्रस्ताव फिलहाल टाल दिया गया है.
आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में सफर करने के दौरान यात्रियों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. साधारण बसों की यात्रा महंगी हो जाएगी. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तरफ से राज्य परिवहन प्राधिकरण को 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. सोमवार को राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. बता दें कि साल 2012 में चार पैसा प्रति किलोमीटर प्रति यात्री किराया बढ़ा था. इसी तरह 2013 में चार पैसा, 2014 में पांच पैसा, 2016 में सात पैसा, 2017 में नौ पैसा और 2020 में 10 पैसा किराया बढ़ाया गया था. अब 2023 में 25 पैसा प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराया बढ़ना लगभग तय है. यानी पिछले 10 साल में परिवहन निगम की तरफ से छह बार किराए में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन उन सभी वर्षों को जोड़कर जितनी बढ़ोतरी की गई है उसके आधे से ज्यादा बढ़ोतरी इसी साल करने की तैयारी हो गई है.
उदाहरण के तौर पर यात्री जब लखनऊ से दिल्ली के लिए यात्रा करेंगे तो उन्हें ₹125 अतिरिक्त किराया चुकाना होगा. लखनऊ से प्रयागराज के लिए 252 रुपए किराया है तो अब यह किराया बढ़कर ₹304 हो जाएगा. इसी तरह गोरखपुर का किराया वर्तमान में ₹367 है, वहीं नया किराया बढ़कर ₹443 से ज्यादा हो जाएगा. विभिन्न स्थानों के लिए दूरी के मुताबिक, 25 पैसे प्रति किलोमीटर अतिरिक्त भार यात्रियों पर पड़ेगा.
रोडवेज को होगा प्रतिमाह ढाई करोड़ का फायदा : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में प्रतिदिन 14 लाख यात्री सफर करते हैं. 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ने से अब रोडवेज को हर माह लगभग ढाई करोड रुपए का फायदा होगा. यानी हर साल किराया बढ़ने से रोडवेज की आय ₹30 करोड़ से जायद बढ़ जाएगी. इससे अब बसों का मेंटेनेंस किया जा सकेगा. अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन समय पर मिल सकेगा.
ऑटो-टेंपो का भी बढ़ा किराया : ऑटो और टेंपो की बात की जाए तो सीएनजी की दरों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. जिसके बाद यूनियन की तरफ से राज्य परिवहन प्राधिकरण को किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. ऑटो के लिए पहले दो किलोमीटर का 25 रुपए न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इसे नामंजूर करते हुए प्रति किलोमीटर के लिए लगभग ₹10.24 रुपये मंजूर किए हैं, वर्तमान में पहले किलोमीटर के लिए ₹6 39 पैसे और उसके बाद के लिए ₹3.4 पैसे प्रति आधा किलोमीटर किराया लागू है. सीएनजी टेंपो के किराए में बढ़ोतरी करते हुए अब ₹10.58 पैसे प्रति किलोमीटर किराया कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार का कहना है कि 'डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है, जिसके चलते बसों का संचालन करना मुश्किल हो रहा था. अब किराया बढ़ने पर बसों का बेहतर मेंटेनेंस होगा, समय पर बकाया भुगतान किया जा सकेगा. यात्री सुविधा का भी परिवहन निगम की तरफ से पूरा ख्याल रखा जाएगा. नई बसों की खरीदारी कर फ्लीट में इन बसों को जोड़कर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी.
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