लखनऊः राजधानी लखनऊ में राज्य लोक सेवा अधिकरण 46 वां स्थापना दिवस मंगलवार को मनाया गया. इस अवसर पर उपाध्यक्ष न्यायाधीश जयशील पाठक, उपाध्यक्ष प्रशासन रोहित नंदन, प्रशासनिक अधिकारी (सचिव) विजय शंकर पांडेय, सहित विभागीय अधिकारी तथा वरिष्ठ अधिकारी और अधिवक्ता मौजूद रहे.
इंदिरा भवन स्थित उप्र राज्य लोक सेवा अधिकरण के 46वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों द्वारा लोक सेवा अधिकरण की कार्यशैली की सराहना की. कार्यक्रम में अधिकरण में लम्बित मुकदमों को शीघ्रता से निस्तारित करने पर विशेष बल दिया गया. लोकसेवकों के सर्विस मैटर, टर्मिनेशन मैटर, प्रमोशन, पेंशन तथा अन्य मुकदमों पर न्याय दिलाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. इसके बाद राज्य सेवा अधिकरण के 46वें स्थापना दिवस को सकुशल संपन्न किया गया.
मुकदमों का त्वरित गति से निस्तारण करता है राज्य लोक सेवा अधिकरण
राज्य लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि राज्य लोक सेवा अधिकरण लोकसेवकों के सर्विस मैटर, पेंशन संबंधित मुद्दा, टर्मिनेशन मामला तथा अन्य मुकदमों का निस्तारण त्वरित गति से करता है. कर्मचारियों के मुकदमों को शीघ्रता से निस्तारित होने से उनका समय एवं धन की भी बचत होती है. उन्होंने कहा कि लोक सेवा अधिकरण उच्च न्यायालय कर्मचारियों के मुकदमों सम्बंधी कार्यों का बोझ भी कम करता है. अधिकरण समय-समय पर विधि छात्रों को त्रैमासिक प्रशिक्षण भी प्रदान करता है.
राज्य लोक सेवा अधिकरण की कार्यशैली
न्यायमूर्ति ने कहा कि आज देश में एक समान अधिकरणों की स्थापना की आवश्यकता है, जिसमें एक समान प्रक्रिया और कार्यप्रणाली समान हो. अलग-अलग अधिकरणों में लिमिटेशन एक्ट प्रभावी होने के सम्बंध में विभिन्न प्रावधान हैं, जो कि इनकी प्रक्रिया को प्रभावी करते हैं. उन्होंने कहा कि अधिकरण में न्याय प्रक्रिया में आधुनिक सूचना तकनीकी के प्रयोग पर बल दिया जाता है. जिससे वादकारियों को पारदर्शी एवं त्वरित न्याय प्रदान किया जा सके. उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण लोक सेवकों/कर्मचारियों के मुकदमें त्वरित गति से निस्तारण करती है.