ETV Bharat / state

अंसल ने आवंटी को वादा की गई जगह पर नहीं दी जमीन, तो राज्य उपभोक्ता आयोग ने दिया झटका

राज्य उपभोक्ता आयोग ने अंसल एपीआई एवं अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को परिवादी को हर्जाने के रूप में एक लाख रुपये और वाद व्यय के रूप में 20 हजार रुपये भी अदा करने का आदेश दिया है.

Etv Bharat
Ansal api sushant golf city consumer forum State Consumer Commission राज्य उपभोक्ता आयोग अंसल एपीआई अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर
author img

By

Published : May 23, 2023, 7:54 AM IST

लखनऊ: राज्य उपभोक्ता आयोग ने अंसल एपीआई एवं अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को आदेश दिया है कि वह आवंटी का पैसा लौटाए क्योंकि उन्होंने उपयुक्त स्थान पर भूखंड नही दिया था. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार व सदस्य सुशील कुमार ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आवंटी को उसकी जमा राशि 1408440 रुपये पर 10 प्रतिशत साधारण ब्याज भी अदा करें. इसके अलावा अंसल पर एक लाख रुपये हर्जाना भी लगाया गया है.

गौरतलब है कि, राजधानी के वृंदावन के रहने वाले चंद्रभान सिंह ने राज्य उपभोक्ता आयोग में पांच वर्ष पहले अंसल एपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ परिवाद दायर किया था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी ने उपयुक्त स्थान पर उसे भूखंड का आवंटन नहीं किया, जबकि उसने 24 जून 2011 को 14,084,40 रुपये का भुगतान कर दिया था.

इसके बाद आयोग ने आदेश दिया था कि यथा संभव समझौता, सहमति के आधार पर अंतिम रूप से परिवादी की जमा रकम के मुताबिक उन्हें भूखंड प्रदान करें. बाकी रकम यदि परिवादी पर देय हो तो कंपनी प्राप्त कर लें. आयोग के इस आदेश के खिलाफ अंसल राष्ट्रीय आयोग में चली गई, जिस पर राष्ट्रीय आयोग ने पांच जुलाई 2021 के इस आदेश का क्रियान्वयन स्थगित कर दिया. राष्ट्रीय आयोग में कई दौर की सुनवाई पूर्ण होने के बाद कहा गया कि इस प्रकरण को राज्य उपभोक्ता आयोग ही सुनवाई करे और तीन महीने में इसका निस्तारण कर दे.

इस पर 13 फरवरी 2023 को राज्य उपभोक्ता आयोग ने इस पर आदेश पारित किया. इसके बाद कंपनी ने परिवादी को ब्याज के साथ पूरा पैसा वापस करने में सहमति दिखा दी गई, लेकिन जब आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो आयोग में फिर से सुनवाई शुरू हुई. आवंटी के अधिवक्ता के मुताबिक, न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में अपेक्षित प्रक्रिया न अपनाते हुए कंपनी ने भूखंड की मूल धनराशि 11600 रुपये प्रति वर्ग मीटर की बजाय 30000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की मांग की गई तथा भूखंड का क्षेत्रफल 162 वर्ग मीटर घटाकर 110 वर्ग मीटर कर दिया गया.


इस पर आयोग ने फैसला सुना दिया कि कंपनी आवंटी की रकम 1408440 रुपये जमा की गई तिथि से भुगतान के दिन तक 10 प्रतिशत ब्याज लगाकर वापस करे. चार सप्ताह में यह राशि वापस की जाए. इस समयावधि में पैसा न लौटाने पर ब्याज 12 प्रतिशत अदा करना होगा. इसके अलावा परिवादी को हर्जाने के रूप में एक लाख रुपये और वाद व्यय के रूप में 20 हजार रुपये भी इसी अवधि के भीतर अदा करे.

ये भी पढ़ें- बेटे की चाहत में दे दी 3 साल के बच्चे की बलि! पुलिस ने कब्र से शव निकालकर कराया पोस्टमार्टम

लखनऊ: राज्य उपभोक्ता आयोग ने अंसल एपीआई एवं अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को आदेश दिया है कि वह आवंटी का पैसा लौटाए क्योंकि उन्होंने उपयुक्त स्थान पर भूखंड नही दिया था. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार व सदस्य सुशील कुमार ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आवंटी को उसकी जमा राशि 1408440 रुपये पर 10 प्रतिशत साधारण ब्याज भी अदा करें. इसके अलावा अंसल पर एक लाख रुपये हर्जाना भी लगाया गया है.

गौरतलब है कि, राजधानी के वृंदावन के रहने वाले चंद्रभान सिंह ने राज्य उपभोक्ता आयोग में पांच वर्ष पहले अंसल एपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ परिवाद दायर किया था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी ने उपयुक्त स्थान पर उसे भूखंड का आवंटन नहीं किया, जबकि उसने 24 जून 2011 को 14,084,40 रुपये का भुगतान कर दिया था.

इसके बाद आयोग ने आदेश दिया था कि यथा संभव समझौता, सहमति के आधार पर अंतिम रूप से परिवादी की जमा रकम के मुताबिक उन्हें भूखंड प्रदान करें. बाकी रकम यदि परिवादी पर देय हो तो कंपनी प्राप्त कर लें. आयोग के इस आदेश के खिलाफ अंसल राष्ट्रीय आयोग में चली गई, जिस पर राष्ट्रीय आयोग ने पांच जुलाई 2021 के इस आदेश का क्रियान्वयन स्थगित कर दिया. राष्ट्रीय आयोग में कई दौर की सुनवाई पूर्ण होने के बाद कहा गया कि इस प्रकरण को राज्य उपभोक्ता आयोग ही सुनवाई करे और तीन महीने में इसका निस्तारण कर दे.

इस पर 13 फरवरी 2023 को राज्य उपभोक्ता आयोग ने इस पर आदेश पारित किया. इसके बाद कंपनी ने परिवादी को ब्याज के साथ पूरा पैसा वापस करने में सहमति दिखा दी गई, लेकिन जब आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो आयोग में फिर से सुनवाई शुरू हुई. आवंटी के अधिवक्ता के मुताबिक, न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में अपेक्षित प्रक्रिया न अपनाते हुए कंपनी ने भूखंड की मूल धनराशि 11600 रुपये प्रति वर्ग मीटर की बजाय 30000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की मांग की गई तथा भूखंड का क्षेत्रफल 162 वर्ग मीटर घटाकर 110 वर्ग मीटर कर दिया गया.


इस पर आयोग ने फैसला सुना दिया कि कंपनी आवंटी की रकम 1408440 रुपये जमा की गई तिथि से भुगतान के दिन तक 10 प्रतिशत ब्याज लगाकर वापस करे. चार सप्ताह में यह राशि वापस की जाए. इस समयावधि में पैसा न लौटाने पर ब्याज 12 प्रतिशत अदा करना होगा. इसके अलावा परिवादी को हर्जाने के रूप में एक लाख रुपये और वाद व्यय के रूप में 20 हजार रुपये भी इसी अवधि के भीतर अदा करे.

ये भी पढ़ें- बेटे की चाहत में दे दी 3 साल के बच्चे की बलि! पुलिस ने कब्र से शव निकालकर कराया पोस्टमार्टम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.