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कांग्रेस की मांग, पार्थ श्रीवास्तव के परिजनों को मिले न्याय

यूपी की राजधानी लखनऊ में संविदाकर्मी पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सीएम योगी को पत्र लिखा है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
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Published : May 28, 2021, 10:18 PM IST

लखनऊ: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने मुख्यमंत्री सोशल मीडिया सेल में तैनात संविदाकर्मी पार्थ श्रीवास्तव के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सीएम कार्यालय के सोशल मीडिया सेल में संविदा पर कार्यरत पार्थ श्रीवास्तव ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. चूंकि मामला मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा हुआ है और बेहद संवेदनशील है, इसलिए हमारी मांग है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देख-रेख में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए.

पुलिस की जांच पर शंका
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पत्र में लिखा है कि पार्थ प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार के एकमात्र पुत्र थे, जिसके कारण कायस्थ समाज में बहुत रोष है. सोशल मीडिया और समाचार-पत्रों में विगत 21 मई से इस सम्बन्ध में तमाम समाचार-प्रकाशित हुए हैं. उन्होंने कहा कि पार्थ श्रीवास्तव की मृत्यु जिन परिस्थितियों में हुई है, उससे प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि उसने यह कदम अपने कार्य प्रदाता और वरिष्ठ सहयोगियों की प्रताड़ना के बाद उठाया है. समाचार पत्रों में उसके द्वारा दो पृष्ठ के सुसाइड नोट लिखे जाने की बात भी प्रकाशित हुई है. यह जांच का विषय है कि एक युवा और ऊर्जा से भरपूर बेहद संवेदनशील युवक को किस प्रकार के वातावरण में कार्य करना पड़ रहा था, जिसका उल्लेख उसने अपने उस लेखन में किया है. उसने मृत्यु से पूर्व पत्र में लिखा है कि कुछ वरिष्ठकर्मी उसको प्रताड़ित कर रहे थे. पुलिस ने पहले तो किसी भी प्रकार के सुसाइड नोट से इनकार किया था, इसलिए पुलिस की जांच पर शंका उठना स्वाभाविक है.

कायस्थ समाज चाहता है मामले की पूरी पड़ताल
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि स्वर्गीय पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी से उनके निवास पर एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नगर अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ‘अज्जू’ के नेतृत्व में पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी से उनके निवास पर मिलने भी गया था. पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी इस घटना से न केवल दुखी, बल्कि बहुत भयभीत भी हैं. पार्थ श्रीवास्तव को कार्यालय में कौन सा वर्ग प्रताड़ित कर रहा था और उसकी शिकायतों को क्यों अनदेखा किया जा रहा था, इसकी पूरी पड़ताल किए बिना युवक के साथ न्याय नहीं हो सकेगा.

लखनऊ: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने मुख्यमंत्री सोशल मीडिया सेल में तैनात संविदाकर्मी पार्थ श्रीवास्तव के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सीएम कार्यालय के सोशल मीडिया सेल में संविदा पर कार्यरत पार्थ श्रीवास्तव ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. चूंकि मामला मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा हुआ है और बेहद संवेदनशील है, इसलिए हमारी मांग है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देख-रेख में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए.

पुलिस की जांच पर शंका
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पत्र में लिखा है कि पार्थ प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार के एकमात्र पुत्र थे, जिसके कारण कायस्थ समाज में बहुत रोष है. सोशल मीडिया और समाचार-पत्रों में विगत 21 मई से इस सम्बन्ध में तमाम समाचार-प्रकाशित हुए हैं. उन्होंने कहा कि पार्थ श्रीवास्तव की मृत्यु जिन परिस्थितियों में हुई है, उससे प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि उसने यह कदम अपने कार्य प्रदाता और वरिष्ठ सहयोगियों की प्रताड़ना के बाद उठाया है. समाचार पत्रों में उसके द्वारा दो पृष्ठ के सुसाइड नोट लिखे जाने की बात भी प्रकाशित हुई है. यह जांच का विषय है कि एक युवा और ऊर्जा से भरपूर बेहद संवेदनशील युवक को किस प्रकार के वातावरण में कार्य करना पड़ रहा था, जिसका उल्लेख उसने अपने उस लेखन में किया है. उसने मृत्यु से पूर्व पत्र में लिखा है कि कुछ वरिष्ठकर्मी उसको प्रताड़ित कर रहे थे. पुलिस ने पहले तो किसी भी प्रकार के सुसाइड नोट से इनकार किया था, इसलिए पुलिस की जांच पर शंका उठना स्वाभाविक है.

कायस्थ समाज चाहता है मामले की पूरी पड़ताल
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि स्वर्गीय पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी से उनके निवास पर एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नगर अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ‘अज्जू’ के नेतृत्व में पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी से उनके निवास पर मिलने भी गया था. पार्थ श्रीवास्तव के पिताजी इस घटना से न केवल दुखी, बल्कि बहुत भयभीत भी हैं. पार्थ श्रीवास्तव को कार्यालय में कौन सा वर्ग प्रताड़ित कर रहा था और उसकी शिकायतों को क्यों अनदेखा किया जा रहा था, इसकी पूरी पड़ताल किए बिना युवक के साथ न्याय नहीं हो सकेगा.

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