लखनऊ: भगवान शिव का माह कहा जाने वाला सावन महीना पंचांग के अनुसार 25 जुलाई, रविवार यानी आज से आरंभ हो रहा है. हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास की विशेष महिमा है. सावन का महीना धार्मिक कार्य और पूजा पाठ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस पवित्र श्रावण मास में भगवान शंकर की पूजा की जाती है. इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सावन माह में भगवान शिव के अलग अलग स्वरूप की पूजा भक्त करते हैं.
सावन में भक्त पवित्र कांवड यात्रा निकाल कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं. हालांकि इस बार कोरोना के कारण प्रदेश में कांवड यात्रा पर रोक लगा दी गई है. सावन का संपूर्ण महीना भगवान शिव की उपासना के लिए अतिउत्तम माना गया है. यही कारण है कि शिवभक्त इस महीने का पूरे साल भर इंतजार करते हैं. धार्मिक ग्रंथों में सावन माह में भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही फलदायी बताया गया है इसलिए सावन में लोग रुद्राभिषेक कर पुण्यलाभ प्राप्त करते हैं.
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, सावन का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से होता है. सावन माह हिन्दू पंचांग के अनुसार साल का 5वां माह होता है. इस बार सावन माह 25 जुलाई रविवार से प्रारंभ हो रहा है. इसका समापन 22 अगस्त दिन रविवार को होगा.
वैसे तो पूरे सावन माह के बहुत पवित्र माना जाता है, लेकिन सावन माह के सोमवार का विशेष महात्म्य माना जाता है. कहा जाता है कि सावन के सोमवार भगवान शिव को बेहद पसंद हैं. इस बार सावन में 4 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं. 26 जुलाई को पहला सोमवार पड़ रहा है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधि पूर्वक विशेष पूजा करने का विधान बताया गया है. सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन भक्त व्रत रखकर विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करते हैं. इस बार पहला सावन सोमवार व्रत 26 जुलाई को, दूसरा सावन सोमवार व्रत 2 अगस्त को, तीसरा सावन सोमवार व्रत 9 अगस्त को और चौथा सावन सोमवार व्रत 16 अगस्त को है.