हरिद्वार: चारधाम यात्रा के चलते इन दिनों हरिद्वार में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ है. इनमें से बहुत से श्रद्धालु रात को हर की पैड़ी क्षेत्र में रुकते हैं. शनिवार तड़के 3 बजे यूपी सिंचाई विभाग की लापरवाही (Negligence of UP Irrigation Department in Haridwar) हरकी पैड़ी पर सो रहे लोगों की जान पर भारी पड़ गई. अचानक गंगा में निर्धारित सीमा से अधिक जल छोड़े जाने के कारण हर की पैड़ी क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो गए. जिसके चलते हर की पैड़ी में सो रहे लोगों में भगदड़ (Stampede at Harki Pauri due to rise in water level of Ganga) मच गई.
गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने के बाद पानी घाटों पर आ गया. यह सब यूपी सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते हुआ. हरिद्वार में अतिरिक्त पानी बैराज से छोड़ने से पहले गंगा घाटों पर सूचना दी जाती है. इसके साथ ही पुलिस को भी इस बारे में बताया जाता है. जिससे समय रहते लोगों को घाटों से दूर किया जा सके.
पढे़ं- ऑक्टेव फेस्टिवल: पहाड़ों पर छटा बिखेर रही उत्तर पूर्वी राज्यों की संस्कृति, 250 फनकार दिखा रहे हुनर
मगर, शनिवार सुबह 3 बजे सिंचाई विभाग ने अचानक गंगा में अतिरिक्त पानी छोड़ दिया. जिससे हरकी पैड़ी सहित आसपास के गांव जलमग्न हो गए. इतना ही नहीं हर की पैड़ी पर पंडों की गद्दी भी पानी में डूब गई. गर्मियों और यात्रा सीजन होने के चलते अधिकतक श्रद्धालु घाटों पर रुकते हैं. ऐसे में वहां बड़ी भीड़ होती है. ऐसे में अचानक बढ़े गंगा का जलस्तर के कारण घाटों पर सो रहे लोगों में भगदड़ मच गई. गनीमत ये रही कि इस भगदड़ में कोई दुर्घटना नहीं हुई. बता दें आज से करीब 5 साल पहले भी इसी तरह रात के समय सिंचाई विभाग ने अचानक गंगा में पानी छोड़ दिया था. जिसके चलते तब भी यहां के तमाम गंगा घाट जलमग्न हो गए थे.
पढे़ं- केदारनाथ धाम में कुत्ता लेकर पूजा-अर्चना के मामले में एक्शन
क्या कहते हैं अधिकारी: यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ कैनाल एसके कौशिक का कहना है कि टेक्निकल कारणों के कारण बैराज में बिजली की सप्लाई बाधित होने के कारण मोटर नहीं चल पाई. जिस कारण यह गड़बड़ी हुई. लेकिन आधा घंटे में पानी के अतिरिक्त बहाव को रोक दिया गया था.