लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सचिवालय में काम कर रहे कर्मचारियों में दहशत का माहौल है. सचिवालय कर्मचारियों के लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित होने से घबराए कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन और अपर मुख्य सचिव चिकित्सा से मुलाकात कर आधे स्टाफ को ही सचिवालय में बुलाए जाने की मांग की है. कर्मचारियों ने कहा कि सचिवालय में कर्मचारियों की संख्या के बढ़ने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है और कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है.
नियम में करें बदलाव
उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के सचिव ओमकार नाथ तिवारी ने बताया कि सोमवार को सचिवालय संघ और अन्य कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात कर उन्हें सचिवालय में कोरोना संक्रमण को लेकर अपनी आशंकाएं और चिंता से अवगत कराया है. सचिवालय में सभी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सचिवालय प्रशासन की ओर से जो पहले आदेश जारी किए गए हैं, वह सचिवालय में व्यावहारिक नहीं हैं.
बुलाए जाएं आधे कर्मचारी
सचिवालय संघ के सचिव ओमकार नाथ तिवारी ने कहा कि समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कर्मचारियों को आधे तादाद में बुलाने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन सचिवालय में इस तरह के सभी कर्मचारी की एकल तैनाती है. ऐसे में आधे कर्मचारियों को बुलाने का नियम लागू नहीं हो पा रहा है. सचिवालय कर्मचारियों के लगातार संक्रमित होने की घटनाएं सामने आने के बाद अब खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. इसलिए जरूरी है कि संशोधित नियम, आदेश जारी किए जाएं, जिससे सचिवालय में कर्मचारियों के आधे स्टाफ को बुलाने का नियम व्यावहारिक बनाया जा सके.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों ने अधिकारियों से कहा कि अगर इस मामले में मुख्यमंत्री तक उनकी बात पहुंचाने की आवश्यकता हो तो कर्मचारियों की यह बात उन तक पहुंचाई जाए, नहीं तो हालात ज्यादा बिगड़ जाएंगे.