लखनऊ: राजधानी लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम, एलडीए स्टेडियम, चौक स्टेडियम और गोमती नगर स्टेडियम में खिलाड़ियों के फिर से आने का सिलसिला शुरू हो गया है. कुछ दिनों से इन स्टेडियम में खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करते हुए देखा जा रहा है. लंबे इंतजार के बाद फिर से स्टेडियम में रौनक लौट आई है. 24 मार्च 2019 को लॉकडाउन लागू होने के बाद मार्च से 21 मई 2019 तक राजधानी लखनऊ के स्टेडियम बंद थे. लिहाजा यहां खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे. इस दौरान खिलाड़ियों ने अपने आप को कैसे फिट रखा और उनकी प्रैक्टिस कितनी प्रभावित हुई, इसे समझने के लिए ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के खिलाड़ियों से बातचीत की.
वापस बन रहा खेल का माहौल
खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि धीमे-धीमे खेल का माहौल वापस बन रहा है लेकिन अभी भी कोच उपलब्ध नहीं है. इसकी वजह से परेशानी हो रही है. इसके बाद भी हम अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं. हम लोग स्टेडियम में पहुंचकर प्रैक्टिस कर रहे हैं. धीमे-धीमे माहौल ठीक हो रहा है. जल्दी हमारा खेल रफ्तार पकड़ लेगा.
हॉस्टल बंद होने की वजह से आ रही परेशानी
राजधानी लखनऊ केडी सिंह बाबू स्टेडियम, स्पोर्ट कॉलेज सहित कई जगहों पर खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल की सुविधा है. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सभी हॉस्टल बंद हैं. इस वजह से खिलाड़ियों को राजधानी लखनऊ के स्टेडियम का फायदा नहीं मिल पा रहा है. अधिकारियों का दावा है कि सभी खिलाड़ी अपने कोच के संपर्क में हैं और घर पर रहकर अपने आप को फिट रखने और खेल को निखारने के लिए प्रयासरत हैं.
ऑनलाइन कोच के संपर्क में खिलाड़ी
रीजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर जितेंद्र यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल अभी खोले नहीं गए हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हॉस्टल बंद है, क्योंकि खिलाड़ी एक साथ एक हॉस्टल में रहते हैं. इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. स्टेडियम 1 मई को मॉर्निंग वॉक और योग के लिए खोल दिए गए थे. 8 अक्टूबर से कुछ खेलों के लिए अनुमति दी गई है. जिन खेलों के लिए हमारे पास कोच उपलब्ध हैं, उनकी प्रैक्टिस स्टेडियम में हो रही है. वर्तमान में बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, हॉकी जैसे खेल स्टेडियम में हो रहे हैं. हॉस्टल में रहकर खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए व्हाट्सएप सेवा शुरू की गई है. व्हाट्सएप ग्रुप में कोच खिलाड़ियों के संपर्क में रहते हैं और उन्हें गाइड करते हैं.