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लखनऊ: ट्रेनिंग में बोले विशेषज्ञ, 'पहले की अपेक्षा आसान है स्पाइन सर्जरी' - Orthopedic Surgery Department lucknow

यूपी के लखनऊ में स्पाइन यूनिट के द्वारा दो दिवसीय स्पाइन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया और नई तकनीकी से स्पाइनल सर्जरी से होने वाले लाभ और विशेषता के बारें में बताया.

पहले की अपेक्षा आसान है स्पाइन सर्जरी
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Published : Aug 4, 2019, 10:14 PM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हड्डी रोग सर्जरी विभाग के स्पाइन यूनिट द्वारा दो दिवसीय स्पाइन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.इस दो दिवसीय कार्यशाला में स्पाइन से जुड़े तमाम तरह की परेशानियों पर बातचीत की गई और कैडेवरिक वर्कशॉप के माध्यम से स्पाइन सर्जरी में विशेषज्ञता हासिल करने के लिहाज से आए डॉक्टरों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया.

पहले की अपेक्षा आसान है स्पाइन सर्जरी.

आयोजन में स्पाइन यूनिट भारत और विदेशों से आये विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया. साथ ही इसमें कैडेवरिक कार्यशाला के साथ लाइव सर्जरी का आयोजन किया गया.

इसे भी पढ़ें - कानपुर :- विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर विदेश से आये सर्जरी स्पेशलिस्टो ने दी जानकारी


आयोजन में आये विशेषज्ञ :

  • स्पाइन यूनिट के हेड डॉ. आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध स्पाइन विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया है.
  • यूएसए से डॉक्टर दिलीप सेन गुप्ता.
  • चेन्नई से डॉक्टर साजन हेकड़े और डॉक्टर के अप्पाजी कृष्णन.
  • मुंबई से डॉक्टर अभय नेने.
  • नई दिल्ली से डॉक्टर अभिषेक श्रीवास्तव समेत प्रदेश के कई स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया.

एक दिन में स्पाइन सर्जरी कर दूसरे दिन व्यक्ति को उठा कर बैठा सकते हैं. हालांकि शुरु के तीन महीने मरीज को बिस्तर पर लेटे रहना पड़ता था. आधुनिक तकनीक से न केवल बेहतर बनाया जा सकता है बल्कि इसमें मरीजों का काफी हद तक फायदा होता है.
-डॉ. शाहब अली उल्लाह, ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट

डॉ. शाहब अली उल्लाह ने कहा कि पहले की अपेक्षा में अब स्पाइनल सर्जरी करना बेहद आसान हो गई है. आधुनिक तकनीक इसमें काफी अधिक सहायता करती हैं. कुछ वर्षों पहले तक लोगों को लगता था, कि स्पाइन सर्जरी से पैरालिसिस हो सकता है या अधिकृत रक्त स्राव होता है. लेकिन बढ़ती तकनीकी और जानकारियों से अब हम इस स्तर तक पहुंच गए हैं.

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हड्डी रोग सर्जरी विभाग के स्पाइन यूनिट द्वारा दो दिवसीय स्पाइन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.इस दो दिवसीय कार्यशाला में स्पाइन से जुड़े तमाम तरह की परेशानियों पर बातचीत की गई और कैडेवरिक वर्कशॉप के माध्यम से स्पाइन सर्जरी में विशेषज्ञता हासिल करने के लिहाज से आए डॉक्टरों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया.

पहले की अपेक्षा आसान है स्पाइन सर्जरी.

आयोजन में स्पाइन यूनिट भारत और विदेशों से आये विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया. साथ ही इसमें कैडेवरिक कार्यशाला के साथ लाइव सर्जरी का आयोजन किया गया.

इसे भी पढ़ें - कानपुर :- विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर विदेश से आये सर्जरी स्पेशलिस्टो ने दी जानकारी


आयोजन में आये विशेषज्ञ :

  • स्पाइन यूनिट के हेड डॉ. आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध स्पाइन विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया है.
  • यूएसए से डॉक्टर दिलीप सेन गुप्ता.
  • चेन्नई से डॉक्टर साजन हेकड़े और डॉक्टर के अप्पाजी कृष्णन.
  • मुंबई से डॉक्टर अभय नेने.
  • नई दिल्ली से डॉक्टर अभिषेक श्रीवास्तव समेत प्रदेश के कई स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया.

एक दिन में स्पाइन सर्जरी कर दूसरे दिन व्यक्ति को उठा कर बैठा सकते हैं. हालांकि शुरु के तीन महीने मरीज को बिस्तर पर लेटे रहना पड़ता था. आधुनिक तकनीक से न केवल बेहतर बनाया जा सकता है बल्कि इसमें मरीजों का काफी हद तक फायदा होता है.
-डॉ. शाहब अली उल्लाह, ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट

डॉ. शाहब अली उल्लाह ने कहा कि पहले की अपेक्षा में अब स्पाइनल सर्जरी करना बेहद आसान हो गई है. आधुनिक तकनीक इसमें काफी अधिक सहायता करती हैं. कुछ वर्षों पहले तक लोगों को लगता था, कि स्पाइन सर्जरी से पैरालिसिस हो सकता है या अधिकृत रक्त स्राव होता है. लेकिन बढ़ती तकनीकी और जानकारियों से अब हम इस स्तर तक पहुंच गए हैं.

Intro:लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा दो दिवसीय स्पाइन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया यह आयोजन केजीएमयू के हड्डी रोग सर्जरी विभाग के स्पाइन यूनिट द्वारा आयोजित किया गया इस आयोजन में स्पाइन यूनिट भारत और विदेशों से भी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। साथ ही इसमें कैडेवरिक कार्यशाला के साथ लाइव सर्जरी का आयोजन किया गया।


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इस आयोजन में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हड्डी रोग सर्जरी विभाग के स्पाइन यूनिट के हेड डॉ आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सरकर प्रसिद्ध स्पा इन विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया है इस आयोजन में यूएसए से डॉक्टर दिलीप सेन गुप्ता चेन्नई से डॉक्टर साजन हेकड़े और डॉक्टर के अप्पाजी कृष्णन मुंबई से डॉक्टर अभय नेने नई दिल्ली से डॉक्टर अभिषेक श्रीवास्तव समेत प्रदेश के कई स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया है। इस दो दिवसीय कार्यशाला में स्पाइन से जुड़े तमाम तरह की परेशानियों पर बातचीत की गई और कैडेवरिक वर्कशॉप के माध्यम से स्पाइन सर्जरी में विशेषज्ञता हासिल करने के लिहाज से आए डॉक्टरों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया।

केजीएमयू के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डॉ शाहब अली उल्लाह कहते हैं कि पहले की अपेक्षा में अब स्पाइनल सर्जरी करना बेहद आसान प्रक्रिया हो गई है आधुनिक तकनीक इसमें काफी अधिक सहायता करती हैं। कुछ वर्षों पहले तक लोगों को काफी भ्रांतियां थी कि स्पाइन सर्जरी से पैरालिसिस होने का खतरा बना रहता है या अधिकृत रक्त स्राव होता है लेकिन बढ़ती तकनीकी और जानकारियों से अब हम इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि 1 दिन में स्पाइन सर्जरी कर दूसरे दिन व्यक्ति को उठा कर बैठा सकते हैं। हालांकि पहले 3 महीने तक मरीज को बिस्तर पर लेटे रहना पड़ता था। आधुनिक तकनीक से न केवल से बेहतर बनाया जा सकता है बल्कि इसमें मरीजों का भी काफी हद तक फायदा होता है।



Conclusion:स्पाइन कॉन्क्लेव में देश-विदेश से कई स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञ ने प्रतिभाग किया और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के तहत स्पाइन सर्जरी के विद्यार्थियों और डॉक्टरों को ट्रेनिंग भी दी गई।

बाइट- डॉ आर एन श्रीवास्तव, प्रोफेसर स्पाइन सर्जरी विभाग, केजीएमयू

बाइट- डॉ शाहब अली उल्लाह, आर्थोपेडिक विभाग केजीएमयू

रामांशी मिश्रा
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