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स्पेशल रिपोर्ट: यूपी आने से डरा मुख्तार, सता रहा गाड़ी पलटने का डर ! - krishnanand rai murder case

पूर्वांचल की धरती से निकला एक नाम. जो केवल उत्तर प्रदेश की सीमा तक ही नहीं बल्कि उसके बाहर भी खौफ का दूसरा नाम बन गया. उसका नाम सुनकर ही विरोधियों की घिग्घी बंध जाती थी. अपने डील-डॉल जितना ही अपराध की दुनिया में उसका नाम था और फिर उसने राजनीति में भी कदम रखा. जी हां, बाहुबली मुख्तार अंसारी...जो खौफ का कभी दूसरा नाम हुआ करता था आज खुद खौफ के साए में है. उसे डर है कि कहीं पंजाब से यूपी आते-आते उसकी गाड़ी ना पलट जाए. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

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मुख्तार अंसारी
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Published : Mar 27, 2021, 11:06 PM IST

Updated : Mar 28, 2021, 12:46 PM IST

लखनऊ : मुख्तार अंसारी फिलहाल पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उसे दो हफ्ते के अंदर पंजाब से यूपी शिफ्ट करने के लिए कहा है. इससे कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा. उन्होंने अपने पति की जान को खतरा बताते हुए आग्रह किया कि मुख्तार अंसारी का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराया जाए.

ऐसे शुरू हुआ अपराध का सफर

पहली बार साल 1988 में हत्या के एक मामले में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया. इसके बाद अपराध की दुनिया में मुख्तार अंसारी तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाने लगा. साल 1995 में राजनीतिक गलियारे में भी उसने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई . 1996 का विधानसभा चुनाव जीतकर वह विधानसभा पहुंचा.

स्पेशल रिपोर्ट

इसे भी पढ़ें - यूपी लाया जाएगा मुख्तार अंसारी, अलका राय ने कहा- अब होगा न्याय

जब हुई बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या

साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो गई. आरोप लगा कि तब खुद जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने मुन्ना बजरंगी और उसके गुर्गों के जरिए कृष्णानंद राय की हत्या करवाई. पूर्वांचल की धरती पर पहली बार एके 47 के गोलियों की गूंज सुनाई दी थी. तब कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों की मौत हो गई थी. धीरे-धीरे क्राइम रिकॉर्ड में मुख्तार अंसारी का नाम बढ़ने लगा. बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ 40 से अधिक मामले दर्ज हैं.

टर्निंग प्वाइंट बना बीजेपी विधायक की हत्या

मुख्तार अंसारी के गुनाहों की फेहरिस्त में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. बीजेपी विधायक की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं की निगाहों में चढ़ गया. जब योगी आदित्यनाथ की साल 2017 में सरकार बनी तब माफिया और अपराधियों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ और लिस्ट में सबसे ऊपर नाम मुख्तार अंसारी का था.

इसे भी पढ़ें - मुख्तार अंसारी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्यः अजय राय

बिखरने लगा मुख्तार अंसारी का गिरोह

गुजरते वक्त के साथ मुख्तार अंसारी का गिरोह भी बिखरने लगा. अभी हाल ही में उसके सहयोगी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई. पिछले साल जुलाई में बागपत जेल के अंदर उसके शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई. बीएसपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव विजयी उसका शार्प शूटर अतुल राय भी दुष्कर्म के आरोप में जेल में है. मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी पर 25-25 हजार रुपये का इनाम लखनऊ पुलिस ने घोषित किया है.

दो हफ्ते के अंदर होगा यूपी शिफ्ट

अब सुप्रीम फैसले के बाद मुख्तार अंसारी दो हफ्ते के अंदर यूपी शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन कभी खौफ का दूसरा नाम रहा बाहुबली आज खुद खौफ का शिकार है. यह केवल वक्त-वक्त की ही बात है.

इसे भी पढ़ें - मुख्तार अंसारी को उम्रकैद से लेकर फांसी तक हो सकती सजा, जानें क्यों

लखनऊ : मुख्तार अंसारी फिलहाल पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उसे दो हफ्ते के अंदर पंजाब से यूपी शिफ्ट करने के लिए कहा है. इससे कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा. उन्होंने अपने पति की जान को खतरा बताते हुए आग्रह किया कि मुख्तार अंसारी का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराया जाए.

ऐसे शुरू हुआ अपराध का सफर

पहली बार साल 1988 में हत्या के एक मामले में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया. इसके बाद अपराध की दुनिया में मुख्तार अंसारी तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाने लगा. साल 1995 में राजनीतिक गलियारे में भी उसने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई . 1996 का विधानसभा चुनाव जीतकर वह विधानसभा पहुंचा.

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जब हुई बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या

साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो गई. आरोप लगा कि तब खुद जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने मुन्ना बजरंगी और उसके गुर्गों के जरिए कृष्णानंद राय की हत्या करवाई. पूर्वांचल की धरती पर पहली बार एके 47 के गोलियों की गूंज सुनाई दी थी. तब कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों की मौत हो गई थी. धीरे-धीरे क्राइम रिकॉर्ड में मुख्तार अंसारी का नाम बढ़ने लगा. बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ 40 से अधिक मामले दर्ज हैं.

टर्निंग प्वाइंट बना बीजेपी विधायक की हत्या

मुख्तार अंसारी के गुनाहों की फेहरिस्त में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. बीजेपी विधायक की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं की निगाहों में चढ़ गया. जब योगी आदित्यनाथ की साल 2017 में सरकार बनी तब माफिया और अपराधियों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ और लिस्ट में सबसे ऊपर नाम मुख्तार अंसारी का था.

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बिखरने लगा मुख्तार अंसारी का गिरोह

गुजरते वक्त के साथ मुख्तार अंसारी का गिरोह भी बिखरने लगा. अभी हाल ही में उसके सहयोगी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई. पिछले साल जुलाई में बागपत जेल के अंदर उसके शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई. बीएसपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव विजयी उसका शार्प शूटर अतुल राय भी दुष्कर्म के आरोप में जेल में है. मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी पर 25-25 हजार रुपये का इनाम लखनऊ पुलिस ने घोषित किया है.

दो हफ्ते के अंदर होगा यूपी शिफ्ट

अब सुप्रीम फैसले के बाद मुख्तार अंसारी दो हफ्ते के अंदर यूपी शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन कभी खौफ का दूसरा नाम रहा बाहुबली आज खुद खौफ का शिकार है. यह केवल वक्त-वक्त की ही बात है.

इसे भी पढ़ें - मुख्तार अंसारी को उम्रकैद से लेकर फांसी तक हो सकती सजा, जानें क्यों

Last Updated : Mar 28, 2021, 12:46 PM IST
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