लखनऊ : कमिश्नर प्रणाली लागू हुए एक साल होने के बाद भी बदमाशों में पुलिस का खौफ देखने को नहीं मिल रहा. इसकी बजह से राजधानी में क्राइम का ग्राफ भी आए दिन बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. वहीं बढ़ते ग्राफ को रोकने के लिए पुलिस ने एक विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है. इस विशेष अभियान में कमिश्नरेट के 40 थानों की पुलिस दो टीमों में बंटकर अपने-अपने थाना क्षेत्र के सक्रिय और टॉप-10 अपराधियों के घर दबिश देगी. इस दबिश में अगर उन बदमाशों के घर कुछ भी संदिग्ध मिलता है तो उन बदमाशों को थाने लाकर उनसे पूछताछ भी की जाएगी. इस अभियान को सोमवार की रात शुरु कर दिया गया है.
इंस्पेक्टर और एडिशनल इंस्पेक्टर के नेतृत्व में दबिश देने पहुंचेगी पुलिस
सोमवार की देर रात लखनऊ के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर नवीन अरोड़ा ने कमिश्नरेट में आने वाले 40 थानों में पहुंचकर एसीपी के साथ बैठक की. जिसके बाद ही दो भागों में टीमों को बांटकर टारगेट दिया गया है. इसमें एक टीम इंस्पेक्टर की निगरानी में रहेगी तो वहीं दूसरी टीम को एडिशनल इंस्पेक्टर मॉनिटर करेंगे. जेसीपी ने इन दोनों टीमों को टारगेट दिए हैं कि उनके थाना क्षेत्रों में सक्रिय बदमाशों के साथ-साथ टॉप टेन अपराधियों की लिस्ट है, जो देर रात उनके घरों पर पहुंचकर दबिश देकर जांच करेंगे और उनके सक्रिय होने पर उनसे पूछताछ कर उन पर निगरानी भी रखेंगे.
अपराधियों पर इस तरह होगी कार्रवाई
जेसीपी नवीन अरोड़ा की मानें तो पुलिसिंग के दौरान देखा गया है कि इस बीच जो टॉप-10 अपराधी हैं. यानी की जो थानों के सबसे बड़े अपराधी माने जाते हैं. उन पर निगाह रखने के लिए उनके घरों पर सोमवार की रात दबिश दी जा रही है. दबिश के दौरान उनकी मौजूदा तस्वीर लेकर उसको फाइल में लगाया जाएगा, जिससे उन पर निगाह बनाई जा सके. अगर उनके घरों पर कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सामग्री मिलती है या किसी घटनाओं को लेकर सक्रिय नजर आते हैं तो उनपर कार्रवाई करते हुए थाने लाया जाएगा. तो वहीं जो छोटी घटनाओं को अंजाम देकर बदमाश सक्रिय नजर आ रहे हैं. जैसे लूट, चोरी, छिनैती व टप्पेबाजी की घटनाएं कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी. साथ ही थानों में यह भी देखा जा रहा है कि इस बीच किस तरह के मामले ज्यादा दर्ज है. अभी हाल ही के दिनों में किस अपराधी पर कितने मुकदमे हैं, उनके घरों पर भी दबिश देकर उनसे भी मामलों में पूछताछ की जाएगी.
120 टॉप-10 बदमाशों पर कार्रवाई
जेसीपी नवीन अरोड़ा ने बताया सोमवार की रात 10:00 बजे से ही इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है. जो कि लखनऊ कमिश्नरेट में आने वाले 40 थानों में 80 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. इस अभियान में उनके क्षेत्रों में सक्रिय बदमाश के खिलाफ यह अभियान चलाकर उनके घरों पर दबिश देंगे. आज उनका लक्ष्य है कि लगभग 120 बदमाशों के घरों पर दबिश देकर उनको टच किया जाए. जिससे कि उनके अंदर किसी भी घटना को करने से पहले पुलिस का खौफ दिखे. साथ ही इस विशेष अभियान से अपराध में भी कमी दिखेगी. उन्होंने कहा इस अभियान के तहत बदमाशों में भी पुलिस का खौफ देखने को मिलेगा. तो कहीं ना कहीं इस अभियान के तहत सक्रिय अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है. उन्होंने कहा यह अभी समय-समय पर चलता रहेगा और इसका असर भी जल्द देखने को मिलेगा.
कैदियों की पेशी के दौरान रहेगी खास नजर
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा ने बताया कि अभी हाल ही के दिनों में जिस तरह से जेल में बैठकर अजीत सिंह की हत्या कराई गई है. उसको लेकर के भी एक अभियान चलाया जा रहा है. इसमें जो लखनऊ के टॉप-10 अपराधी जेल में है, वह पेशी पर जब आते हैं तो उन पर निगाह रखी जाए. उनसे कौन मिल रहा है और उसके बाद वह कहां पर जा रहा है, इस पर भी खास ध्यान दिया जाए. बदमाश से मिलने के बाद वह व्यक्ति कहां जा रहा है, कहीं ऐसा तो नहीं वह व्यक्ति किसी अपराध को अंजाम देने जा रहा है, उस पर भी निगाह रखी जाएगी. इस अभियान से यह भी मालूम होगा कि कोई अपराधी जेल में बैठकर अपना नेटवर्क तो नहीं फैला रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी कुछ ही दिनों पहले लखनऊ पुलिस कमिश्नर के साथ जिला कारागार जाकर पूरा जायजा लिया गया है. जिसमें यह देखा गया है कि किसी भी कुख्यात बदमाश के पास कोई मोबाइल फोन तो नहीं है, लेकिन किसी के पास कुछ भी नहीं मिला है.
जिलाबदर पर निगाह रखने के लिए जारी हो सर्कुलर
जिलाबदर को लेकर जेसीपी लखनऊ नवीन अरोड़ा ने कहा कि जो बदमाश जिला बदर किए जाते हैं. अगर जिला बदर किये हुए बदमाश कमिश्नरेट में आते हैं तो पुलिस कमिश्नर को या फिर जो जिलाधिकारी या एडीएम बदमाशों को जिला बदर करते हैं. उनको चाहिए कि जिन जिलों में वह बदमाश जा रहे हैं वहां के अधिकारी को उनकी लिस्ट दी जाए. जिससे कि वह बदमाशों पर निगाह रख सकें. इस तरह से अगर यह काम किया जाता है तो उन बदमाशों पर निगाह रखी जा सकती है. जिससे कि वह बदमाश किसी अन्य घटना को दूसरे जिलों में रहकर अंजाम न दे सकें.