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ETV Bharat से बोले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, अब मजहब देखकर नहीं दिया जाता योजनाओं का लाभ

ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत की. पेश है बातचीत के खास अंश...

ध्रुवीकरण की सियासी  यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा  UP Energy Minister Shrikant Sharma  बिजली की उपलब्धता  प्रदेश में बिजली की उपलब्धता  श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत  DELHI latest news  etv bharat up news  UP Assembly Election 2022  Uttar Pradesh Assembly Election 2022  UP Election 2022 Prediction  UP Election Results 2022  UP Election 2022 Opinion Poll  UP Election 2022 live  UP 2022 Election Campaign highlights  यूपी चुनाव न्यूज  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव  यूपी विधानसभा चुनाव 2022  UP Assembly Election 2022  UP Assembly Election 2022  Uttar Pradesh Assembly Election 2022  UP Election 2022 Prediction  UP Election Results 2022  UP Election 2022 Opinion Poll  चुनावी चौपाल 2022  Chunavi Chaupal 2022
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Published : Jan 29, 2022, 2:00 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 2:19 PM IST

दिल्ली: उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में सूबे की योगी सरकार मुख्य उपलब्धियों के तौर पर जो बातें गिना रही हैं, उनमें से एक है प्रदेश में बिजली की उपलब्धता. इसके अलावा हाईवे, एयरपोर्ट भी प्रचार के केंद्र में हैं. वहीं, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पूर्व की सरकारों की तुलना में इस सरकार ने बिजली की उपलब्धता को सरल और सहज बनाने की दिशा में अहम कार्य किए हैं. खैर, यह कैसे संभव हो सका और वर्तमान में चुनावी माहौल में पार्टी अपने इस उपलब्धि को कैसे वोट में परिवर्तित करेगी, जैसे तमाम सवालों को लेकर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत की.

वहीं, आपको बता दें कि युवा और ऊर्जावान नेता श्रीकांत शर्मा मथुरा से पहली बार विधायक चुने गए और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाए गए. लेकिन श्रीकांत शर्मा का सफर भारतीय जनता पार्टी में कई वर्ष पुराना है. श्री शर्मा छात्र राजनीति में भी कई पदों पर रहे हैं और राष्ट्रीय संगठन में भी कई राज्यों के चुनाव का प्रबंधन और साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व मीडिया प्रबंधन भी देख चुके हैं.

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत

सवाल: उत्तर प्रदेश में जिन बड़ी उपलब्धियों पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ रही है, उनमें से एक बिजली की उपलब्धता भी है. जिस तरह सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार किया. कितने टारगेट अभी तक पूरे कर पाए हैं और कितनी बाकी रह गई है ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): जब हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में आई थी तो बिजली की व्यवस्था जर्जर थी या कह सकते हैं कि आईसीयू में थी और कहीं न कहीं बिजली को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत होती थी. बिजली एक मूलभूत आवश्यकता है. यह कोई सुविधा नहीं है. इसलिए आजादी के 70 साल बाद भी यदि गांव और गरीब की झोपड़ी अंधेरे में है तो यह शर्मनाक बात है. मैं गांव से आता हूं और 12वीं तक की शिक्षा मैंने गांव में ली इसलिए मुझे पता है कि अंधेरे में पढ़ाई करना और जीवन यापन करना कितना मुश्किल होता है.

उन्होंने कहा कि गांव में जब ट्रांसफार्मर फूंक जाते थे तो एक-एक महीने उनके सुधार में लग जाते थे और इसलिए मैं इन कड़वे अनुभव से रूबरू था. सौभाग्य से पार्टी ने मुझे बिजली मंत्री बना दिया. इसलिए मैंने सोचा कि इस कड़वे अनुभव को देखते हुए आने वाले जो युवा हैं, उन्हें ऐसा अनुभव न करना पड़े उसे मीठे स्वाद में कन्वर्ट करने की कोशिश की. हमारे यहां आयात की क्षमता नहीं थी, सो उसे बढ़ाया. ग्रिड की क्षमता 16000 मेगावाट तक ही थी, जिसे हमने 26000 किया. पहले बिजली सिर्फ चार जिलों में आती थी, लेकिन अब हमने समान रूप से 75 जिलों में बिजली का वितरण किया है.

इसे भी पढ़ें - संपत्ति मामले में टॉप पर भाजपा, BSP दूसरे तो तीसरे पर खिसकी कांग्रेस, जानें किसके पास है कितनी संपत्ति

मेरे गांव में बिजली नहीं आती थी और यह जो मेरा अनुभव था, इसी से मैंने संकल्प लिया कि गांव-गांव में बिजली पहुंचाना है. साथ ही प्रधानमंत्री का यह निर्वाचन क्षेत्र का गृह प्रदेश है. इस नाते उनका विशेष आशीर्वाद रहता है. वह हमारे काशी से सांसद भी हैं. इसलिए उनका विशेष लगाव भी प्रदेश से रहता है. इसी वजह से यह परिणाम हुआ कि एक करोड़ 45 लाख लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने का काम हमने उत्तर प्रदेश में पूरा किया. यह एक केवल ट्रेलर है, आने वाले दिनों में जितना बढ़िया बिजली का जनरेशन हमारे यहां हुआ है, अब ज्यादा से ज्यादा काम बिजली वितरण पर करना है.

सवाल: पहले की किसी सरकार ने कोशिश क्यों नहीं की, क्यों हर बार उत्तर प्रदेश में बिजली की उपलब्धता, चुनावी मुद्दा हुआ करती थी ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): इसकी बड़ी वजह यह थी कि जो अब तक प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी को छोड़कर उन्होंने कभी, गांव की समस्याओं को जिया ही नहीं. यदि आप गांव की समस्या को जिएंगे, तभी आप उन समस्याओं को समझ पाएंगे. हमारे प्रधानमंत्री ने गांव की समस्याओं को देखा समझा, गरीबी को देखा, वह एक गरीब परिवार से आते हैं. इसलिए उनका ये ड्रीम था और उन्होंने यह संकल्प किया था कि गरीब की झोपड़ी में रोशनी पहुंचाया जाए और इसी वजह से वह सौभाग्य योजना लेकर आए और उसका सभी राज्यों को फायदा मिला.

सवाल: अब देखा जाए तो अयोध्या, काशी के बाद मथुरा ही सियासत का केंद्र बन चुका है. अखिलेश यादव के स्वप्न में कृष्ण आ रहे हैं और वह दावा कर रहे हैं कि उन्हीं की पार्टी की सरकार प्रदेश में बनने जा रही है. आप मथुरा से विधायक हैं, मथुरा के लिए आपकी आगे की क्या योजनाएं हैं. अगर आप दोबारा चुनकर आते हैं तो ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): मथुरा बहुत ही पवित्र भूमि है. भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली और कृष्ण और राधा जी की क्रीडा स्थल है. पांच वर्ष पहले जब मैं यहां चुनाव प्रचार में आता था तो गलियों में अंधेरा रहता था. कूड़े के ढेर लगे रहते थे. लेकिन अब यदि आप देखेंगे तो गलियों में सफाई है और गड्ढों का नामोनिशान नहीं है. और तो और गलियों में रोशनी की व्यवस्था की गई है. अब यदि बांके बिहारी के मंदिर में कोई आता है तो उन्हें 2017 से पहले और अब के विकास में साफ फर्क नजर आएगा. यहां हम बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क सभी पर काम कर रहे हैं.

सवाल: एक तरफ विकास की बात हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी नेता भी मंदिर में मत्था टेक रहे हैं. चाहे वह प्रियंका गांधी हो या अखिलेश यादव हो ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): हम सब सनातनी हैं और हमारी आस्था कृष्ण के प्रति, राम के प्रति, भगवान शिव के प्रति है. उन्होंने कहा कि आप देखेंगे की 2014 से पहले का भारत कैसा था और 14 के बाद का भारत कैसा है. इसे भी देखें कि 2014 से पहले तो लोगों ने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था. कांग्रेस को जितनी राजनीति करनी है करे, लेकिन कम से कम हमारे जो ईष्ट देव हैं, भगवान राम, उन पर तो प्रहार न करे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की संस्कृति को दूषित किया है. हमारे जो आराध्य हैं, उन पर भी प्रहार किया. आगे उन्होंने आरोप लगाया कि यह वही कांग्रेस है, जिसने दिवाली के दिन हमारे पूज्य शंकराचार्य को जेल में डलवा दिया था.

सवाल: पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह फर्स्ट फेस इन चुनावी मुद्दों पर आकर टिक गया है कि जाट और किसान भाजपा से नाराज है. अखिलेश यादव के रथ पर जयंत चौधरी सवार हैं ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): जो लोग 24 घंटे उत्तर प्रदेश में रोशनी चाहते हैं, वह भाजपा से खुश हैं. जो कानून-व्यवस्था थी 2017 से पहले उसमें भी काफी सुधार हुआ है. आज गुंडे जेल में है या अपने घरों में कैद रहते हैं. पहले बहन-बेटियों के खिलाफ छेड़खानी की घटनाएं होती थी. घर में घुसकर उनके साथ छेड़खानी होती थी और जब मां-बाप शिकायतें दर्ज कराने जाते थे तो थानों में वही गुंडे पुलिसवालों के साथ बैठे मिलते थे. आज बदलाव आया है. आज कानून का राज है. इसलिए जो लोग बहन-बेटियों की सुरक्षा चाहते हैं वो भाजपा के साथ हैं. राज्य में व्यापारी वर्ग सुरक्षित हैं.

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दिल्ली: उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में सूबे की योगी सरकार मुख्य उपलब्धियों के तौर पर जो बातें गिना रही हैं, उनमें से एक है प्रदेश में बिजली की उपलब्धता. इसके अलावा हाईवे, एयरपोर्ट भी प्रचार के केंद्र में हैं. वहीं, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पूर्व की सरकारों की तुलना में इस सरकार ने बिजली की उपलब्धता को सरल और सहज बनाने की दिशा में अहम कार्य किए हैं. खैर, यह कैसे संभव हो सका और वर्तमान में चुनावी माहौल में पार्टी अपने इस उपलब्धि को कैसे वोट में परिवर्तित करेगी, जैसे तमाम सवालों को लेकर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत की.

वहीं, आपको बता दें कि युवा और ऊर्जावान नेता श्रीकांत शर्मा मथुरा से पहली बार विधायक चुने गए और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाए गए. लेकिन श्रीकांत शर्मा का सफर भारतीय जनता पार्टी में कई वर्ष पुराना है. श्री शर्मा छात्र राजनीति में भी कई पदों पर रहे हैं और राष्ट्रीय संगठन में भी कई राज्यों के चुनाव का प्रबंधन और साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व मीडिया प्रबंधन भी देख चुके हैं.

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से खास बातचीत

सवाल: उत्तर प्रदेश में जिन बड़ी उपलब्धियों पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ रही है, उनमें से एक बिजली की उपलब्धता भी है. जिस तरह सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार किया. कितने टारगेट अभी तक पूरे कर पाए हैं और कितनी बाकी रह गई है ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): जब हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में आई थी तो बिजली की व्यवस्था जर्जर थी या कह सकते हैं कि आईसीयू में थी और कहीं न कहीं बिजली को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत होती थी. बिजली एक मूलभूत आवश्यकता है. यह कोई सुविधा नहीं है. इसलिए आजादी के 70 साल बाद भी यदि गांव और गरीब की झोपड़ी अंधेरे में है तो यह शर्मनाक बात है. मैं गांव से आता हूं और 12वीं तक की शिक्षा मैंने गांव में ली इसलिए मुझे पता है कि अंधेरे में पढ़ाई करना और जीवन यापन करना कितना मुश्किल होता है.

उन्होंने कहा कि गांव में जब ट्रांसफार्मर फूंक जाते थे तो एक-एक महीने उनके सुधार में लग जाते थे और इसलिए मैं इन कड़वे अनुभव से रूबरू था. सौभाग्य से पार्टी ने मुझे बिजली मंत्री बना दिया. इसलिए मैंने सोचा कि इस कड़वे अनुभव को देखते हुए आने वाले जो युवा हैं, उन्हें ऐसा अनुभव न करना पड़े उसे मीठे स्वाद में कन्वर्ट करने की कोशिश की. हमारे यहां आयात की क्षमता नहीं थी, सो उसे बढ़ाया. ग्रिड की क्षमता 16000 मेगावाट तक ही थी, जिसे हमने 26000 किया. पहले बिजली सिर्फ चार जिलों में आती थी, लेकिन अब हमने समान रूप से 75 जिलों में बिजली का वितरण किया है.

इसे भी पढ़ें - संपत्ति मामले में टॉप पर भाजपा, BSP दूसरे तो तीसरे पर खिसकी कांग्रेस, जानें किसके पास है कितनी संपत्ति

मेरे गांव में बिजली नहीं आती थी और यह जो मेरा अनुभव था, इसी से मैंने संकल्प लिया कि गांव-गांव में बिजली पहुंचाना है. साथ ही प्रधानमंत्री का यह निर्वाचन क्षेत्र का गृह प्रदेश है. इस नाते उनका विशेष आशीर्वाद रहता है. वह हमारे काशी से सांसद भी हैं. इसलिए उनका विशेष लगाव भी प्रदेश से रहता है. इसी वजह से यह परिणाम हुआ कि एक करोड़ 45 लाख लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने का काम हमने उत्तर प्रदेश में पूरा किया. यह एक केवल ट्रेलर है, आने वाले दिनों में जितना बढ़िया बिजली का जनरेशन हमारे यहां हुआ है, अब ज्यादा से ज्यादा काम बिजली वितरण पर करना है.

सवाल: पहले की किसी सरकार ने कोशिश क्यों नहीं की, क्यों हर बार उत्तर प्रदेश में बिजली की उपलब्धता, चुनावी मुद्दा हुआ करती थी ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): इसकी बड़ी वजह यह थी कि जो अब तक प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी को छोड़कर उन्होंने कभी, गांव की समस्याओं को जिया ही नहीं. यदि आप गांव की समस्या को जिएंगे, तभी आप उन समस्याओं को समझ पाएंगे. हमारे प्रधानमंत्री ने गांव की समस्याओं को देखा समझा, गरीबी को देखा, वह एक गरीब परिवार से आते हैं. इसलिए उनका ये ड्रीम था और उन्होंने यह संकल्प किया था कि गरीब की झोपड़ी में रोशनी पहुंचाया जाए और इसी वजह से वह सौभाग्य योजना लेकर आए और उसका सभी राज्यों को फायदा मिला.

सवाल: अब देखा जाए तो अयोध्या, काशी के बाद मथुरा ही सियासत का केंद्र बन चुका है. अखिलेश यादव के स्वप्न में कृष्ण आ रहे हैं और वह दावा कर रहे हैं कि उन्हीं की पार्टी की सरकार प्रदेश में बनने जा रही है. आप मथुरा से विधायक हैं, मथुरा के लिए आपकी आगे की क्या योजनाएं हैं. अगर आप दोबारा चुनकर आते हैं तो ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): मथुरा बहुत ही पवित्र भूमि है. भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली और कृष्ण और राधा जी की क्रीडा स्थल है. पांच वर्ष पहले जब मैं यहां चुनाव प्रचार में आता था तो गलियों में अंधेरा रहता था. कूड़े के ढेर लगे रहते थे. लेकिन अब यदि आप देखेंगे तो गलियों में सफाई है और गड्ढों का नामोनिशान नहीं है. और तो और गलियों में रोशनी की व्यवस्था की गई है. अब यदि बांके बिहारी के मंदिर में कोई आता है तो उन्हें 2017 से पहले और अब के विकास में साफ फर्क नजर आएगा. यहां हम बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क सभी पर काम कर रहे हैं.

सवाल: एक तरफ विकास की बात हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी नेता भी मंदिर में मत्था टेक रहे हैं. चाहे वह प्रियंका गांधी हो या अखिलेश यादव हो ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): हम सब सनातनी हैं और हमारी आस्था कृष्ण के प्रति, राम के प्रति, भगवान शिव के प्रति है. उन्होंने कहा कि आप देखेंगे की 2014 से पहले का भारत कैसा था और 14 के बाद का भारत कैसा है. इसे भी देखें कि 2014 से पहले तो लोगों ने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था. कांग्रेस को जितनी राजनीति करनी है करे, लेकिन कम से कम हमारे जो ईष्ट देव हैं, भगवान राम, उन पर तो प्रहार न करे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की संस्कृति को दूषित किया है. हमारे जो आराध्य हैं, उन पर भी प्रहार किया. आगे उन्होंने आरोप लगाया कि यह वही कांग्रेस है, जिसने दिवाली के दिन हमारे पूज्य शंकराचार्य को जेल में डलवा दिया था.

सवाल: पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह फर्स्ट फेस इन चुनावी मुद्दों पर आकर टिक गया है कि जाट और किसान भाजपा से नाराज है. अखिलेश यादव के रथ पर जयंत चौधरी सवार हैं ?

जवाब (ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा): जो लोग 24 घंटे उत्तर प्रदेश में रोशनी चाहते हैं, वह भाजपा से खुश हैं. जो कानून-व्यवस्था थी 2017 से पहले उसमें भी काफी सुधार हुआ है. आज गुंडे जेल में है या अपने घरों में कैद रहते हैं. पहले बहन-बेटियों के खिलाफ छेड़खानी की घटनाएं होती थी. घर में घुसकर उनके साथ छेड़खानी होती थी और जब मां-बाप शिकायतें दर्ज कराने जाते थे तो थानों में वही गुंडे पुलिसवालों के साथ बैठे मिलते थे. आज बदलाव आया है. आज कानून का राज है. इसलिए जो लोग बहन-बेटियों की सुरक्षा चाहते हैं वो भाजपा के साथ हैं. राज्य में व्यापारी वर्ग सुरक्षित हैं.

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Last Updated : Jan 29, 2022, 2:19 PM IST
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