लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के लॉक डाउन में दुकानों को खोलने के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि सरकार के भ्रामक बयानों से जनता में भी दुविधा की स्थिति बन रही है. सपा मुखिया ने कहा है कि प्रदेश में कम्युनिटी किचन और आरएसएस के भंडारे में कोई फर्क नहीं दिखता है. स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकारी संस्थानों से प्राप्त खाद्य सामग्री को आरएसएस अपना बताकर और मोदी थैली में भरकर कुछ भाजपाई परिवारों में वितरित करना घटिया मानसिकता प्रदर्शित करता है. संघ की कुटुम्ब शाखा कैसे लगाई जा रही है? भाजपा की सरकार क्या संघ का एजेंडा बढ़ाने के लिए ही चुनी गई है.
अखिलेश यादव की तरफ से दिए गए बयान को सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने जारी किया है जिसमें उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि कोरोना युद्ध में जिस आगरा माॅडल की प्रधानमंत्री ने तारीफ की थी वह लगातार गम्भीर लापरवाही और बदइंतजामी से फेल हो चुका है. जहां-जहां लाॅक डाउन सख्ती से लागू है वहां दोगुना कोरोना केस कैसे आये हैं? मुख्यमंत्री के इस माॅडल की स्वयं भाजपाई प्रशंसा करते रहते हैं लेकिन इस माॅडल की नाकामयाबी भी जाहिर है.
अखिलेश ने कहा है कि राज्य सरकार ने राजधानी में कई दुकानों को दवा, किराना आदि की सप्लाई के लिए विशेष पास जारी किए थे. कई दुकानदारों ने जनता को राहत पहुंचाने की जगह अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए, फोन पर लोगों को भटकाते रहे या फिर सामानों के इतने मंहगे दाम बताए कि लोगों ने तौबा कर ली. विशेष पास का इस्तेमाल शहर में घूमने-फिरने में किया जाने लगा है.