लखनऊः दीपावली के मौके पर सपा के गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अन्न और जल का त्याग कर लखनऊ में आमरण अनशन शुरू कर दिया. उन्होंने इसकी वजह क्षेत्र की जनसमस्याओं को बताया. उन्होने कहा कि अपने क्षेत्र की सड़क निर्माण को लेकर बीते दिनों विधानसभा सदस्यता से भी त्यागपत्र देने की पेशकश की थी. बावजूद उसके अभी तक उनके क्षेत्र की समस्याएं दूर नहीं हुईं हैं. इसी के चलते मजबूर होकर अन्न और जल का त्यागकर आमरण अनशन शुरू किया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की समस्याओं को उन्होंने सदन में कई बार उठाया. अफसरों ने आश्वासन भी दिए लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हैं. उनका आरोप है कि अफसरों की लापरवाही और तानाशाही के चलते अभी तक क्षेत्र की समस्याएं दूर नहीं हुईं है. इसी के चलते आमरण अनशन की शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि जब पूरा देश दीपावली मना रहा हैं ऐसे में मजबूर होकर उन्हें आमरण अनशन का फैसला लेना पड़ा. सोचा कि दीपावली पर तो दुश्मन को भी भूखे नहीं रखा जाता. ऐसे में शायद सरकार उनके आमरण अनशन से जाग जाए और उनके क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने की पहल कर दे.
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब तक उनके क्षेत्र की समस्याएं दूर नहीं होंगी तब तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा. अगर सरकार का यही रवैय्या रहा तो आने वाले 2022 के चुनाव में जनता सबक सिखाएगी. गौरतलब है कि अमेठी के गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने पिछले दिनों क्षेत्र की समस्याओं और सड़क निर्माण आदि को लेकर अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था. हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर विधानसभा स्तर पर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भी विधायक राकेश प्रताप सिंह के धरने का समर्थन किया है और कहा है कि सपा विधायक के साथ है. सरकार जब तक क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं देगी तब तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा.