लखनऊ: विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को विपक्ष ने आरक्षण को लेकर हंगामा किया. विपक्ष ने नियम 56 के तहत शून्य प्रहर में आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की, लेकिन पीठ ने इस सूचना को अग्राह्य करते हुए चर्चा से इनकार कर दिया. इस दौरान विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया.
भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है
सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि उच्च शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती के नियम के मुताबिक पिछड़ों और दलितों को आरक्षण नहीं मिल रहा. पिछले सत्र में विश्नविद्यालयों में जो नियुक्तियां हुईं, उसमें आरक्षण लागू नहीं किया गया. इस मामले को सदन में नियम 56 के तहत चर्चा कराने की मांग की, लेकिन सरकार चर्चा नहीं कराना चाहती. सरकार ईवीएम मां की कृपा से आई है, इसलिए उसका दिमाग आउट है. हमारी मांग है कि संविधान में पिछड़ा वर्ग को जो आरक्षण का अधिकार मिला है, उसे दिया जाए.
आजम खान ने कोई घोटाला नहीं किया
भाजपा आरएसएस के कहने पर आरक्षण व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. सरकार ईवीएम मां की कृपा से आई है, इसलिए उसका दिमाग आउट है. आजम खां के मामले में उन्होंने कहा कि यह सरकार जानबूझ कर आजम को दबाने का प्रयास कर रही है. अगर आजम को दबाया गया तो देश का मुसलमान दब जाएगा. आजम खां ने कोई घोटाला नहीं किया, उन्होंने हर जमीन रजिस्ट्री करवाई है और उनके बैंक में पैसा खाते में भेजा गया.
सोनभद्र की घटना
सोनभद्र की घटना पर रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा के एक विधायक ने जनवरी में सीएम योगी को पत्र लिखा कि सोनभद्र में ऐसी-ऐसी घटना है. अगर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो बढ़ी घटना घट सकती है, लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. विभिन्न सूत्रों की जांच में पता चला कि काली रात को मुख्यमंत्री आवास कार्यालय से कई बार अधिकारियों को फोन किया गया कि प्रधान को जमीन का कब्जा कराना है. इसलिए घटना घटने के दो-तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची.