लखनऊ: कोरोना का कहर अब धीरे-धीरे हर क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में रहे पूर्व मंत्री घूराराम की गुरुवार को कोरोना से मौत हो गयी है. इनको राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के लिए भर्ती किया गया था.
बताया गया कि जब उनके सीने में दर्द और फेफड़े में संक्रमण का पता चला तो उसके बाद उनका इलाज केजीएमयू में चल रहा था. यहां पर बीती 14 जुलाई को सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें बलिया से केजीएमयू लाया गया था. उसके बाद उनको लगातार फेफड़े में संक्रमण की शिकायत बनी हुई थी और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद आज सुबह उनका निधन हो गया.
दलित नेता के रूप में थी पहचान
पूर्व मंत्री घूराराम के बेटे संतोष कुमार के अनुसार बुधवार की रात में उनकी कोरोना वायरस पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. कुछ देर पहले ही उनका कोरोना सैंपल लिया गया था, जिसमें भी वह पॉजिटिव ही थे. घूराराम का राजनीतिक सफर काफी बेहतर रहा है. उनकी पहचान एक कद्दावर दलित नेता के रूप में होती थी.
काफी समय से सक्रिय राजनीति से थे दूर
घूराराम आजमगढ़ की लालगंज सीट से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी भी रह चुके हैं. मायावती के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार में वे मंत्री भी रहे, लेकिन काफी समय से वह सक्रिय राजनीति से दूर थे और बलिया में ही अपने आवास में रह रहे थे. अचानक अस्वस्थ होने के कारण उन्हें केजीएमयू में इलाज के लिए लाया गया. यहां पर उनका इलाज चल रहा था, लेकिन गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई.