लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की इस समय राजनीति में सक्रियता कम हो गई है. डिंपल यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से पिछली 14 जून के बाद से कोई ट्वीट नहीं किया है. समाजवादी पार्टी के लिए जीत की चाभी कही जाने वाली डिंपल यादव का यूं राजनीति से दूर रहना लोगों को हैरान करने वाला है.
डिंपल यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से पिछली 14 जून को उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर ट्वीट किया था. डिंपल ने इस ट्वीट में बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या और मुजफ्फरनगर में नाबालिग बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म, अलीगढ़ में महिला बीडीसी को जिंदा जलाने की कोशिश को लेकर यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था को घेरा था.
14 जून के बाद कन्नौज सहित प्रदेश में कई घटनाएं मीडिया की सुर्खियां बनीं. लोग सड़क पर उतरे, विरोध प्रदर्शन हुआ. तमाम पार्टियों के नेता मुद्दों पर अपनी बात न सिर्फ स्थापित मीडिया के जरिए कहते रहे, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी वो जनता से जुड़े रहे. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद प्रदेश सरकार की तमाम विफलताओं को ट्विटर के माध्यम से बताते रहे. लोकसभा चुनाव में ही पहली बार ट्विटर पर दिखीं बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं.
डिंपल यादव का ट्विटर हैंडल कन्नौज की हार के बाद से सूना पड़ा है. देश में इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हुई, लेकिन डिंपल यादव ने अपने ट्टिटर हैंडल से कोई ट्वीट नहीं किया. देश में सीएए और एनआरसी को लेकर इतना प्रदर्शन और बवाल हुआ, लेकिन डिंपल की तरफ से कुछ भी बयान नहीं आया.
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यहां यह बता देना जरूरी है कि बीते लोकसभा चुनाव के पहले अखिलेश यादव ने डिंपल के चुनावी राजनीति से दूर रहने की घोषणा की थी. उसके बाद से ये माना जाने लगा था कि अखिलेश यादव राजनीति में परिवारवाद के लगने वाले आरोपों से छुटकारा चाहते हैं, लेकिन चुनाव आते ही परिस्थितियां बदली, सपा-बसपा का आश्चर्यजनक गठबंधन हुआ और सपा ने सबको हैरान करते हुए कन्नौज से डिंपल यादव को फिर मैदान में उतार दिया.
हालांकि इस बार किस्मत ने साथ नहीं दिया. बीजेपी के सुब्रत पाठक के हाथों डिंपल को हार का सामना करना पड़ा. समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाने वाली कन्नौज सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की.
डिंपल ने जनादेश का किया स्वागत
देश में एक बार फिर मोदी लहर देखने को मिला. केंद्र में बीजेपी की सरकार और मजबूती के साथ वापस आई. हार के बाद डिंपल ने ट्वीट कर जनादेश का स्वागत किया. कन्नौज की जनता को सेवा करने का अवसर देने पर धन्यवाद दिया. 10 दिन बाद 14 जून को यूपी के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने के बाद डिंपल यादव फिर न तो किसी सार्वजनिक जगह पर दिखी और न ही सोशल मीडिया पर. लेकिन समाजवादी पार्टी के लिए 'जीत की चाभी, डिंपल भाभी' अब अपने समर्थकों से दूर हैं.
तो क्या अखिलेश यादव के ट्विटर अकाउंट को हैंडिल करती हैं डिंपल
अखिलेश यादव सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल करते हैं. वो अपनी योजनाओं और अपनी लाइफ स्टाइल के बारे में अक्सर अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर जानकारियां शेयर करते हैं. वहीं इस प्रकार की बाते भी सामने आई थी कि अखिलेश यादव के सोशल अकाउंट पर उनसे जुड़ी जानकारियां अखिलेश नहीं उनकी पत्नी डिंपल शेयर करती हैं.
वहीं यह कहना अब गलत नहीं होगा कि क्या डिंपल यादव केवल चुनाव के ही समय पर राजनीतिक सक्रियता दिखाती हैं. 2 बार से सांसद रहने के बाद डिंपल का राजनीति से दूर रहना उनके समर्थकों को भी हैरान कर रहा है.