लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जमकर निशाना साधा है. उन्होंने यूपी सरकार पर कई आरोप लगाए. अखिलेश यादव ने कहा कि लाॅकडाउन हो या अनलाॅक, भाजपा राज में अपराधियों को खुली छूट मिली है. पुलिस कानून व्यवस्था सम्भालने के बजाय संकटकाल में भी सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केस में फंसाने में व्यस्त है. ऐसे में अपराधियों के हौसले बुलन्द होंगे ही. प्रदेश में भाजपा सरकार के चलते हर ओर अव्यवस्था और अराजकता है, चाहे वह कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लारवाही हो या फिर गरीब श्रमिकों व सामान्य जन की सुरक्षा की बात हो.
अखिलेश ने कहा कि लाॅकडाउन हटने के पहले ही दिन अलीगढ़ में एलआईसी के दफ्तर के सामने दिन दहाड़े कैशवैन से 22.70 लाख की लूट हो गईं. गोलियां चलीं तो कई घायल हो गए. गाजियाबाद में आईएएस अधिकारी रानी नागर पर जानलेवा हमला हुआ, जबकि उन्हें अपने सुरक्षा कारणों से इस्तीफा तक देना पड़ा था. कानपुर में आपसी संघर्ष में 2 मौतें हो गईं. फतेहपुर में पूर्व प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मैनपुरी के द्वारिकापुर गांव में पूर्व और वर्तमान प्रधानों के बीच विवाद में खूनी संघर्ष हो गया. भदोही के इब्राहिमपुर पुरवा गांव में अपराधियों ने पीआरवी पर हमला कर दिया. बाराबंकी में एक महिला से क्लीनिक में दुष्कर्म की घटना घटी. राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में एक बुजुर्ग को दबंगों ने पीटकर लहूलुहान कर दिया.
सपा अध्यक्ष ने व्यवस्थाएं खराब करने का लगाया आरोप
अखिलेश ने कहा कि सुशांत गोल्फ सिटी में एक भाजयुमो नेता सत्ता संरक्षितों के शिकार हो गए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है. पुलिस प्रशासन मौन धारण किए हुए है. कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है. समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण की जो आधुनिकतम व्यवस्थाएं की थीं उसे भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया. पुलिस का आधुनिकीकरण रोक दिया. प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही के कारण उत्तर प्रदेश इस स्थिति को प्राप्त हो गया है, जहां चारों तरफ अंधेरा है. लोकतंत्र में सरकारें संविधान के अनुसार काम करती हैं, लेकिन टीम-इलेवन ने सरकार का कार्यभार संभाल लिया है. इसलिए यह दुर्दशा है.
किसानों की हो रही बदहाली
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा राज में सबसे ज्यादा बदहाली किसानों की हुई है. क्रय केंद्रों का पता नहीं है. किसान अपने ट्रैक्टर ट्रालियां लिए खड़े हैं, न तो उनका गेहूं बिक रहा है और न ही चीनी मिलें उनका गन्ना ले रही हैं. बकाया तो मिलना ही नहीं है. भाजपा सरकार में किसानों से बिचैलियों ने पूरी तरह लूट मार की है. सब्जी बोने वाले किसानों ने अपनी फसलें नष्ट कर दी हैं. मटर-चना उत्पादक किसानों को लागत भी नहीं मिली. कर्ज में डूबे किसानों को राहत देने के बजाय भाजपा सरकार बैंकों और मिल मालिकों की मदद कर रही हैं, जबकि किसानों के ऊपर जो भी कर्जा है उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए.