लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में राजकीय बालिका संरक्षण गृह में 57 लड़कियों (संवासिनियों) में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही संरक्षण गृह में रह रही 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिली हैं, जिनमें से 5 कोरोना पॉजिटिव हैं. सभी संक्रमित बालिकाओं को इलाज के लिए रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. इस मामले में विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा ने सरकार की नीति और नियत पर सवाल खड़े किये हैं. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता बृजेन्द्र सिंह ने इस घटना की निंदा करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
सपा नेता ने मामले को बताया शर्मनाक
उत्तरप्रदेश के कानपुर के बालिका संरक्षण गृह मामले में अब योगी सरकार पर विपक्षी पार्टियां हमलावर होती दिखायी देने लगी हैं. समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध से प्रदेश क्राइम कैपिटल बनता जा रहा है. NCRB डेटा के मुताबिक रेप के मामलों में भी यूपी नम्बर एक पर आ चुका है जो शर्म की बात है. अगर अपराधियों में सरकार की कार्रवाई का भय होता तो आज कानपुर में ऐसी घटना सामने नहीं आती.
प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा ने सवाल किया कि कोरोना काल के दौरान बालिका संरक्षण गृह में क्यों सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं की गयी. उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की है. अभिषेक मिश्रा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जितने ऐसे गृह केंद्र हैं उसमें सीनियर आईएएस लेडी ऑफिसर की डयूटी लगाई जाये. सीनियर आईएएस लेडी ऑफिसर से लगातार इंस्पेक्शन कर फीडबैक लें. साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार किया जाए.
कांग्रेस की ओर से उच्चस्तरीय जांच की मांग
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि इससे पहले भी प्रदेश में इस तरीके की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. यदि सरकार ने ऐसी घटनाओं पर कोई उचित कदम उठाया होता तो आज ऐसी शर्मसार कर देने वाली कानपुर की घटना सामने नहीं आती.