लखनऊ. राजकीय इंजीनियरिंग विभाग (government engineering department) में इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल कैडर (Electrical and Mechanical Cadre) के सहायक अभियंता अपना प्रमोशन सिविल कैडर के अधिशासी अभियंता के पदों पर तैनाती चाहते हैं. विभागीय प्रशासन भी हरसंभव इनकी मदद भी कर रहा है. अगर इस पर रोक नहीं लगी तो सिविल कैडर के 800 अवर अभियंता और 200 सहायक अभियंता इस्तीफा दे देंगे. यह बातें डिप्लोमा इंजीनियर संघ (Diploma Engineer Association) के प्रांतीय अध्यक्ष इंजीनियर साहब लाल सोनकर और महासचिव इंजीनियर नरपत सिंह चंद्रौल ने प्रेस वार्ता के दौरान कही हैं.
प्रेस वार्ता के दौरान डिप्लोमा इंजीनियर संघ (Diploma Engineer Association) के प्रांतीय अध्यक्ष इंजीनियर साहब लाल सोनकर ने कहा कि राजकीय इंजीनियरिंग विभाग में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और सिविल कैडर के अवर अभियंता और सहायक अभियंताओं का जॉब चार्ट, उनका कार्यक्षेत्र, सर्विस रूल्स, सीनियरिटी लिस्ट और प्रमोशन की नियमावली स्पष्ट रूप से परिभाषित है. बावजूद इसके इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल कैडर के सहायक अभियंता अपना प्रमोशन सिविल कैडर के अधिशासी अभियंता के पदों पर तैनाती चाहते हैं. विभागीय प्रशासन भी बैकडोर और फ्रंट डोर से इनकी मदद कर रहा है.
इस विषय पर पहले भी अनेक प्रयास किए जाते रहे जिनका खुलासा योगी सरकार के पहले कार्यकाल में किया जा चुका है. इससे संबंधित वाद न्यायालय में भी विचाराधीन है. जिसमें विभाग और शासन ने इस आशय के प्रति शपथ दे चुका है कि तकनीकी योग्यता के अनुसार ही अभियंताओं से कार्य लिया जा रहा है, लेकिन अभी भी इस तरह का खेल लगातार जारी है. अगर इस पर रोक नहीं लगी तो सिविल कैडर के 800 अवर अभियंता और 200 सहायक अभियंता अपना इस्तीफा (Resignation) दे देंगे.
डिप्लोमा इंजीनियर संघ के महासचिव इंजीनियर नरपत सिंह चंद्रौल ने विशेष सचिव का काम देख रहे राजेंद्र सिंह मौर्य और सचिवालय के मौजूदा अनुभाग अधिकारी राजीव दुबे की तैनाती, पदोन्नति और कार्रयशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. चंद्रौल ने कहा कि अगर शासन संगठन की ये मांगें नहीं मानता है तो कार्य बहिष्कार और आंदोलन किया जाएगा.