लखनऊ: लखनऊ में आगमन के दूसरे दिन बुधवार को 1971 के युद्ध के स्मरणोत्सव में प्रज्वलित 'विजय मशाल' 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लखनऊ और आर्मी मेडिकल कोर सेंटर के परिसर में प्रदर्शित की गई. इन दोनों स्थानों पर संबंधित युद्ध स्मारक पर परंपरागत गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया और शहीदों के नाम प्रदर्शित किए गए. उन्हें पढ़ा गया.
1971 के युद्ध पर प्रस्तुत किया गया वृत्तचित्र
मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि 11 जीआरआरसी में आयोजित एक प्रदर्शनी फुटबॉल मैच को सैनिकों के परिवारों ने देखा. इस अवसर पर 1971 के युद्ध पर एक वृत्तचित्र प्रस्तुत किया गया. आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज लखनऊ में 'विजय मशाल' को परिसर के चारों ओर ले जाया गया. जहां सभी अधिकारियों और सैनिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद 'विजय मशाल' को विवाहित सैनिकों के आवासीय परिसर संजोग छेत्री विहार में ले जाया गया, जहां 900 से अधिक परिवार रहते हैं. अधिकतम सैनिकों और उनके परिवारों द्वारा जाबांज शहीदों को श्रद्धांजलि देने और सशस्त्र बलों की परंपराओं में पेशेवर उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसके अलावा सैनिकों की वर्तमान पीढ़ी को प्रोत्साहित करना भी कार्यक्रम का मकसद था.
बता दें कि जब पहले दिन यह मशाल कैंट स्थित छावनी क्षेत्र में पहुंची थी तो सेना के अधिकारियों ने इस मशाल का जोरदार स्वागत किया था. इस मौके पर तमाम जवानों के अलावा सैनिकों के परिजन भी मौजूद रहे.
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