लखनऊः राजधानी में 21 जून 2020 को साल का पहला सूर्यग्रहण देखने को मिला. इससे पहले 22 जून 2009 को यह सूर्यग्रहण देखा गया था. सूर्य ग्रहण देखने पहुंचे लोगों को खराब मौसम के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ा. रविवार सुबह से ही हल्की-हल्की बारिश होने के साथ बादल छाए रहे, जिसके चलते सूर्यग्रहण को देखने वालों को निराशा हाथ लगी. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला ने साल के पहले सूर्यग्रहण को देखने की सारी व्यवस्था की थी, लेकिन मौसम और बारिश ने खलल डाल दी.
85 प्रतिशत दिखाई दिया एक्लिप्स
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यह साल का पहला आंशिक सूर्यग्रहण था, जो 85 फीसद तक एक्लिप्स दिखाई दिया, यानी चंद्रमा ने सूर्य का 85% तक भाग ढक लिया. सुमित ने बताया कि भारत में अगला सूर्यग्रहण साल 2031 में लगेगा और लखनऊ में अगला सूर्य ग्रहण 2034 में दिखाई देगा. इस वजह से सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना बहुत महत्वपूर्ण है.
तीन घंटे तक रहा सूर्य ग्रहण
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी ने बताया कि सूर्यग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. इंफ्रारेड किरणे सूर्यग्रहण के दौरान 52 फीसद तक की अवरक्त हो जाती हैं, जो आंखों को क्षति पहुंचा सकती है. उन्होंने बताया कि आज सूर्यग्रहण की अवधि 3 घंटे 45 मिनट की थी. वहीं इस ग्रहण की चरम अवधि 12:11 से 12:12 तक ही रही.
मिथुन राशि में लगा ग्रहण
लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर विपिन पांडे ने बताया कि आज का सूर्यग्रहण मिथुन राशि में लगा है, इस वजह से इस राशि पर ज्यादा असर पड़ेगा. वहीं उन्होंने कहा कि ग्रहण का प्रभाव 6 महीने बाद तक रहता है. इस दौरान लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. लखनऊ में करीब 11 वर्षों बाद यह सूर्य ग्रहण दिखाई दिया है जो सुबह 10:17 से शुरू होकर 2:02 बजे तक रहा.