लखनऊ : स्कॉलरशिप के लिए आवेदन को लेकर समाज कल्याण विभाग की तरफ से किये गये बदलाव का खामियाजा अब शिक्षण संस्थानों को भरना होगा. नये नियम के तहत अब शिक्षण संस्थानों को वेरीफिकेशन के जरिए बताना होगा कि आवेदक बोनाफाइड स्टूडेंट (योग्य छात्र) है या नहीं. ऐसे में इस सत्र से लखनऊ विश्वविद्यालय एलयूआरएन (लखनऊ यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रेशन नंबर) के जरिए आवेदन का वेरीफिकेशन करने की तैयारी में है. लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही सभी संबद्ध डिग्री कॉलेज को इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी करने जा रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि 'समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली स्कॉलरशिप के लिए छात्र आवेदन फॉर्म भरने के बाद जब उसकी हार्ड कॉपी विश्वविद्यालय को प्रस्तुत करेगा, तो उसमें एलयूआरएन रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होना चाहिए. जिन आवेदन फार्म पर यह नंबर लिखा होगा लखनऊ विश्वविद्यालय इस आवेदन फार्म को वेरीफाई करेगा.
जिला समाज कल्याण अधिकारी की होती थी जिम्मेदारी : ज्ञात हो कि अभी तक समाज कल्याण विभाग की तरफ से दी जाने वाली स्कॉलरशिप को लेकर आवेदन का वेरीफिकेशन समाज कल्याण अधिकारी के स्तर से होता था. वेरीफिकेशन के बाद ही छात्रों की स्कॉलरशिप आती थी, लेकिन इस सत्र से शुरू हुई नई व्यवस्था के तहत अब वेरीफिकेशन की जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों पर डाल दी गयी है. जिला समाज कल्याण अधिकारी की भूमिका महज अग्रसारित अधिकारी के रूप में रह गयी है. इस नई व्यवस्था से लखनऊ विश्वविद्यालय की मुश्किलें बढ़ने वाली है, क्योंकि विवि से वर्तमान में तकरीबन 545 काॅलेज संबद्ध हैं और इनमें तकरीबन 3.54 लाख स्टूडेंट्स हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने फर्जी प्रवेश वाले छात्रों की पहचान करने व स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एलयूआरएन पंजीकरण को अनिवार्य किया है.
एलयूआरएन से होगा वेरीफिकेशन : विवि के अधिकारियों की मानें तो वेरीफिकेशन का कार्य एलयूआरएन के जरिए किया जायेगा. बता दें कि विवि की तरफ से इसी सत्र से एलयूआरएन की व्यवस्था शुरू की गयी है. इसके अंतर्गत दाखिले के लिए छात्रों को आवेदन करने से पूर्व विवि की वेबसाइट पर जाकर एलयूआरएन नंबर जेनरेट करना होता है. जिसका जिक्र उन्हें अपने आवेदन में करना होता है. इसके एवज में प्रति छात्र 100 रुपए शुल्क निर्धारित है. एलयूआरएन शुरू करने के पीछे विवि की दलील है कि इसके जरिए काॅलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का डेटा उनके पास होगा. उन्हें इस बात की जानकारी रहेगी कि कौन से छात्र ने किस काॅलेज में एडमिशन लिया है. फिलहाल, वेरीफिकेशन को लेकर उनका कहना है कि स्कॉलरशिप के लिए हार्ड कॉपी जमा करते समय छात्रों को उस पर अपना एलयूआरएन नंबर देना होगा. उस नंबर के जरिए स्टूडेंट का वेरीफिकेशन कर आवेदन आगे के लिए भेज दिया जायेगा.
एलयूआरएन नंबर से परीक्षा फार्म भरने में होगी आसानी : लखनऊ विश्वविद्यालय में इस सत्र में एडमिशन ले चुके नये छात्रों के लिए एलयूआरएन काफी मददगार साबित होगा. परीक्षा फार्म भरते समय छात्र जैसे ही अपना एलयूआरएन नंबर डालेंगे, उनका पूरा विवरण ऑटो अपडेट की तर्ज पर अपने आप भर जायेगा. जिससे छात्रों को अतिरिक्त जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.