लखनऊ : प्रदेश में विश्वविद्यालयों की लापरवाही से जो भी छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गये थे उनको शासन की तरफ से एक और मौका दिया जा रहा है. छात्रवृत्ति के आवेदन करने वाले जिन एससी-एसटी के छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था, लेकिन उनके शिक्षण संस्थान द्वारा उनका डाटा नहीं भेजा गया या किसी तकनीकी के कारण से व्यवधान है ऐसे विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण विभाग ने 15 अप्रैल से 15 जून के मध्य छात्रवृत्ति पोर्टल दोबारा खोलने का निर्णय लिया है.
समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया कि 'केन्द्र सरकार ने इसके लिए सहमति प्रदान कर दी है. जो भी विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह गए हैं, ऐसे सभी विद्यार्थियों के आवेदन अगले वित्तीय वर्ष में प्रोसेस किए जाएंगे. समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर प्रदेश के छात्र काफी परेशान थे. विश्वविद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों का फाइनल डेटा ब्लॉक न करने के कारण प्रदेश में लाखों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाया है. स्कॉलरशिप के लिए जब विद्यार्थी अपने संबंधित विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में संपर्क करते थे तो उन्हें जानकारी ना होने की बात कहकर वापस भेज दिया जा रहा था. ऐसे में छात्र लगातार अपनी आवाज उठा रहे थे. छात्र स्कॉलरशिप के लिए सोशल मीडिया से लेकर समाज कल्याण विभाग के दफ्तर तक आवाज उठा रहे पर उनके मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी.
समाज कल्याण विभाग का कहना है कि 'विश्वविद्यालयों की गलती विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है. पूरे प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के 2,73,489 आवेदन फॉर्म इसलिए निरस्त हो गए थे, क्योंकि इन विद्यार्थियों के संबंधित विश्वविद्यालय ने अंतिम दिन तक में अपना डाटा फॉरवर्ड नहीं किया था. जिस कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को समय से छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाया. इस कारण योजना से तमाम डिग्री काॅलेज की छात्र-छात्राएं समय से आवेदन करने पर भी वंचित रह गए हैं, वहीं प्रदेश के एकेटीयू जैसे बड़े विश्वविद्यालयों में भी अभी तक स्कॉलरशिप नहीं मिली है. जिस कारण जनरल, ओबीसी वर्ग के भी लाखों विद्यार्थी वंचित अनुसूचित जाति, सामान्य जाति व अल्पसंख्यक वर्ग के 5 लाख आवेदन निरस्त किए गए हैं. आवेदन करने के अंतिम दिन कुल 17,83,363 आवेदन विभाग को मिले थी. इसमें से 8,45,721 आवेंदन सही पाए गए थे, वहीं 9,37,642 आवेदन का डाटा फारवर्ड नहीं होने के कारण उन्हें निरस्त कर दिया गया. दोबारा से मौका दिए जाने पर इनमें से 6,64,153 आवेदन सही पाए गए थे.'
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