लखनऊ: सावन के महीने में भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालु मंदिरों में पहुंच रहे हैं. इस दौरान सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों में विशेष इंतजाम किए गए हैं. इसी क्रम में लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में भी आने वाले श्रद्धालु सुरक्षा के सभी मानकों का पालन कर रहे हैं. मनकामेश्वर मंदिर राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थित है. इस मंदिर का बहुत ही पुराना इतिहास है. मंदिर के फर्श पर चांदी के सिक्के जड़े हुए हैं.
मंदिर में आने से होती है मनोकामना पूर्ण
राजधानी लखनऊ में स्थित मनकामेश्वर मंदिर की स्थापना रामायाण काल की मानी जाती है. इस मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी है. मान्यता है कि मंदिर में आने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सावन के पवित्र महीने में हजारों श्रद्धालु मंदिर में आते हैं.
वहीं इस बार कोरोना महामारी के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. ईटीवी भारत की टीम ने मनकामेश्वर मंदिर का जायजा लिया. इस दौरान मंदिर की महंत देव्यागिरी ने बताया कि यह मंदिर रामायण काल का है. उन्होंने कहा इस मंदिर के नाम मनकामेश्वर से ही मुराद पूरी होने का एहसास हो जाता है.
साफ-सफाई के साथ सुरक्षा का ध्यान
राजधानी लखनऊ में स्थित मनकामेश्वर मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है. यहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. मनकामेश्वर मंदिर में बने शिवलिंग का श्रद्धालु फूल, बेलपत्र, गंगाजल आदि से अभिषेक करते हैं.
इस बार कोरोना महामारी के कारण मंदिर में सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बार-बार अपील भी की जा रही है. इसके अलावा मंदिर प्रशासन की ओर से साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ कोरोना वायरस से बचाव के लिए सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जा रहा है. मंदिर परिसर को कई बार सैनिटाइज भी किया जाता है.