लखनऊ: महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में निरुद्ध कबरई के बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज गौरव शर्मा ने अभियुक्त के अपराध को प्रथम दृष्टया गंभीर करार दिया है.
आत्महत्या के लिए उकसाया
अभियोजन की ओर से अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त पर लोकसेवक के पद पर रहते हुए न सिर्फ अवैध उगाही बल्कि व्यापारी इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का भी आरोप है. बीती 20 नवंबर को अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. सरकारी वकील डीसी यादव ने अर्जी का विरोध करते हुए यह भी तर्क दिया कि इस मामले में निरुद्ध दो अन्य मुल्जिम ब्रह्मदत्त तिवारी और सुरेश सोनी की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल है.
11 सितंबर को हुई थी FIR
इस मामले की एफआईआर 11 सितंबर 2020 को इंद्रकांत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में दर्ज कराई थी. इस मामले में देवेंद्र के अलावा सिपाही अरुण कुमार यादव के साथ ही महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को भी नामजद किया गया है. मणिलाल पाटीदार के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही का नोटिस भी जारी है.