लखनऊ : उपभोक्ताओं से बिल वसूली में बिजली कंपनियां फेल साबित हो रही हैं. यही वजह है कि पावर कारपोरेशन वर्तमान में 97 हजार करोड़ के घाटे में है. इस घाटे पर ब्रेक लगाने के लिए अब पावर कॉर्पोरेशन स्मार्ट प्रीपेड मीटर का सहारा लेगा. प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिल वसूली का झंझट ही खत्म हो जाएगा. स्मार्ट प्रीपेड मीटर में जितने का रिचार्ज होगा उतनी ही बिजली की खपत उपभोक्ता कर सकेगा.
आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के हर उपभोक्ता के घर पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. पहले इसको लगाए जाने की प्रक्रिया एक जुलाई से ही शुरू होनी थी, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के चलते प्रीपेड मीटर को और भी दुरुस्त किया जा रहा है. जिन घरों में अभी बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाए हैं वे 2जी और 3जी तकनीक पर चल रहे हैं. इन सभी स्मार्ट मीटरों को 4G प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बदला जाएगा. इसके लगने के बाद जितने का उपभोक्ता रिचार्ज कराएगा उसे उतनी ही बिजली कंज्यूम करने को मिलेगी. इससे विभाग के पास एडवांस पैसा भी जमा हो जाएगा.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने की प्रक्रिया जो एक जुलाई से शुरू होनी थी दरअसल, उसमें बीआईएस सर्टिफिकेशन नहीं मिल पाया है. ये सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही उपभोक्ता के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. पहले चरण में प्रदेश के 28 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे. अभी तक प्रदेश के 12 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर में कमियां सामने आने के बाद इसे लगाने की प्रक्रिया पर रोक लग गई थी. पुराने मीटर में मुख्य रूप से लोड जंपिंग, रीडिंग जैसी शिकायतें आई थीं. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 4G स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया है. जो थ्री जी स्मार्ट मीटर लगे हैं उनको भी 4जी स्मार्ट मीटर में बदला जाएगा. 2025 तक हर घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगेगा.
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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 4G प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली विभाग के साथ ही उपभोक्ताओं को भी काफी राहत मिलेगी. विभाग को अपना ही पैसा वसूलने के लिए उपभोक्ता के दर पर नहीं जाना पड़ेगा और उपभोक्ता को भी राहत मिलेगी कि वह जितने का रिचार्ज कराएगा उतने की ही बिजली जला पायेगा. इसके अलावा जो अभी परिसरों पर 3G स्मार्ट मीटर लगे हैं उन्हें भी 4G स्मार्ट मीटर में अपग्रेड किया जाएगा.
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