लखनऊ: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रदेश में अत्याधुनिक तकनीक के स्मार्ट मीटर लगाए जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार को पत्र भेजकर स्मार्ट मीटर की खामियां दूर करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित कर समीक्षा करने को कहा है. पिछले दिनों स्मार्ट मीटर से प्रदेश के कई जिलों में अचानक बिजली सप्लाई ठप हो गई थी.
जन्माष्टमी के अवसर पर कई स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के यहां दो से तीन दिन बाद तक बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो सकी थी. स्मार्ट मीटर की इस तरह की गड़बड़ी से पावर कारपोरेशन के अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए एसटीएफ से पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश जारी कर किए थे. अभी इस पूरे प्रकरण की जांच में काफी समय लगने की संभावना है.
अध्यक्ष खुद करें स्मार्ट मीटर की मॉनिटरिंग
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को पत्र भेजा है, जिसमें स्मार्ट मीटर संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने और हाई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने की बात कही है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष स्मार्ट मीटर की स्वयं मॉनिटरिंग करें.
एसटीएफ ने शुरू की जांच
स्मार्ट मीटर के मामले में एसटीएफ ने इंक्वायरी शुरू कर दी है. शक्ति भवन पहुंचकर एसटीएफ की टीम ने स्मार्ट मीटर कमांड सेंटर में लगे सिस्टम को किस तरह अपडेट किया जाता है, स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के मीटरों और प्रीपेड बिलों की निगरानी किस तरह से होती है. इसकी विशेष तौर पर जानकारी ली. सेंटर पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों का डाटा भी एसटीएफ की टीम ने जुटाया है.
बिजली कंपनियों को जारी हुआ था नोटिस
एसटीएफ की टीम के साथ ही मध्यांचल के एमडी की अध्यक्षता में बनी टीम यह पता लगाने में नाकाम रही है कि बड़ी संख्या में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के यहां बिजली गुल हो जाने के पीछे किसका हाथ था. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने भी सभी बिजली कंपनियों को इस बाबत नोटिस जारी किया था, जिसमें 17 अगस्त तक पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन सप्ताह में स्वतंत्रता दिवस और रविवार का अवकाश होने के चलते जांच पूरी नहीं हो सकी. पावर कारपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग को फिलहाल अभी यही जवाब भेजा गया है.